लखनऊ: मंगलवार को यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाली बकरीद और कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा के इंतज़ाम पर अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम योगी की ओर से कई निर्देश दिए गए जहां 4 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के मार्ग खुल जाएंगे. इस दौरान यूपी सरकार की ओर […]
लखनऊ: मंगलवार को यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाली बकरीद और कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा के इंतज़ाम पर अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम योगी की ओर से कई निर्देश दिए गए जहां 4 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के मार्ग खुल जाएंगे. इस दौरान यूपी सरकार की ओर से मार्ग में आने वाली मीट की दुकानों को खुले में मांस की बिक्री करने और इसकी खरीद पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आगामी त्योहारों की तैयारियों पर की गई बैठक में ये निर्देश दिए गए हैं. इस बैठक में पुलिस कमिश्नर, डिविजनल कमिश्नर, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों समेत कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे.
सीएम योगी ने मंगलवार को हुई इस बैठक में कहा, 4 जुलाई से पवित्र श्रावण मास प्रारम्भ होने जा रहा है. श्रावण मास इस वर्ष दो महीने का हो रहा है जिसमें कांवड़ यात्रा निकलेगी. सोमवार पूजन का भी विशेष महत्व होता है जिससे पूर्व 29 जून को बकरीद मनायी जाएगी. ऐसे में साफ़ है कि यह समय कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत संवेदनशील है जिसे देखते हुए हमें सतर्क और सावधान रहना होगा. आगे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए इस दौरान कांवड़ मार्ग पर खुले में मांस बिकने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा मार्ग साफ़ सुधरा होना चाहिए साथ ही स्ट्रीट लाइट और पीने के पानी की व्यवस्था भी की जानी चाहिए.
अधिकारियों से यात्रा मार्ग पर CCTV लगाने और गोताखोरों की तैनाती के भी निर्देश दिए गए हैं. आगे सीएम होगी ने आदेश दिए कि कांवड़ शिविरों की स्थापना के लिए पहले से ही स्थान तय कर लिए जाएं ताकि यातायात बाधित ना हो.
मुख्यमंत्री योगी ने यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे, संगीत आदि की ध्वनि तय मानकों से अधिक ना जाए. इस दौरान उन्होंने आयोजकों को भी कार्यक्रम की अनुमति देने को कहा लेकिन साथ ही ये सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए कि सभी लोग नियमों का पालन करें. इस दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा यात्राओं और जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसी कोई भी घटना ना हो जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं को कष्ट पहुंचे.