उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन का औपचारिक ऐलान कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी एसपी और बीएसपी एक साथ आ सकते हैं. बताते चलें कि बीजेपी को हराने के लिए 25 साल बाद एसपी और बीएसपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
गोरखपुर/फूलपुरः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशियों के समर्थन का ऐलान कर दिया है. बसपा के गोरखपुर प्रभारी घनश्याम चंद्र खरवर ने रविवार दोपहर इसकी घोषणा की. घनश्याम चंद्र ने बताया कि बसपा आगामी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद का समर्थन करेगी. दूसरी ओर बसपा के जोनल कॉर्डिनेटर (इलाहाबाद) अशोक गौतम ने भी सपा उम्मीदवार नागेंद्र सिंह पटेल के पक्ष में समर्थन का ऐलान कर दिया. अशोक गौतम ने कहा कि उपचुनाव में बसपा कार्यकर्ता हर हाल में बीजेपी को उखाड़ फेंकना चाहते हैं, इसी वजह से उन्होंने फैसला किया है कि वह सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने की अपील करेंगे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के हाथ मिलाने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मात देने के लिए सपा-बसपा साथ आ सकते हैं. आम चुनाव में तीसरे मोर्चे के अस्तित्व पर अखिलेश यादव ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं के संपर्क में हैं. 2019 जीतने के लिए सभी दल एक साथ बीजेपी के खिलाफ खड़े होंगे. इस दौरान अखिलेश ने कहा था कि उनके बुआजी (मायावती) से भी अच्छे संबंध हैं. जिसके बाद से माना जा रहा था कि 2019 चुनाव में अखिलेश और मायावती एक साथ आ सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने अभी इसको लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
बता दें कि गोरखपुर में बीजेपी की ओर से उपेंद्र शुक्ला उम्मीदवार हैं. वहीं फूलपुर से कौशलेंद्र सिंह पटेल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 11 मार्च को लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव होंगे. 14 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ पिछले 5 बार से गोरखपुर से सांसद थे. सूबे की सत्ता संभालने के बाद उन्हें गोरखपुर सीट छोड़नी पड़ी. सीएम योगी उपेंद्र शुक्ला के लिए चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. इससे पहले साल 1993 में सपा-बसपा एक साथ चुनाव लड़ चुके हैं. गेस्ट हाउस कांड के बाद बढ़ी तल्खी के चलते कभी दोनों पार्टियां एक साथ नजर नहीं आईं लेकिन 25 साल बाद अब बुआ-भतीजे के एक साथ आने से उपचुनाव के सियासी समीकरण जरूर बदलने वाले हैं.
BSP (Bahujan Samaj Party) Gorakhpur in-charge Ghanshyam Chandra Kharwar declared support to Samajwadi Party (SP) candidate Praveen Kumar Nishad in upcoming Gorakhpur by-poll pic.twitter.com/4f1YSou3ho
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 4, 2018
Our workers want to eliminate BJP & that is why the members of Bahujan Samaj Party (BSP) have decided to extend support & vote for Samajwadi Party (SP) candidate Nagendra Singh Patel in Phulpur by-poll: Ashok Gautam, BSP Zonal Coordinator, Allahabad pic.twitter.com/R2vRFY6Lx5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 4, 2018