शराब के शौकीन लोगों के लिए गुड न्यूज़, बहुत जल्द ब्रांड व्हिस्की होगी सस्ती

नई दिल्ली:  भारत में शराब की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कई भारतीय ब्रांड लोकप्रिय हो रहे हैं। भारत निर्मित विदेशी शराब का भी देश में अलग ही क्रेज देखने को मिल रहा है। यह खबर उन लोगों के लिए है जो विदेशी शराब पीने के शौकीन हैं, क्योंकि आने वाले समय […]

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शराब के शौकीन लोगों के लिए गुड न्यूज़, बहुत जल्द ब्रांड व्हिस्की होगी सस्ती

Manisha Shukla

  • September 24, 2024 5:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली:  भारत में शराब की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कई भारतीय ब्रांड लोकप्रिय हो रहे हैं। भारत निर्मित विदेशी शराब का भी देश में अलग ही क्रेज देखने को मिल रहा है। यह खबर उन लोगों के लिए है जो विदेशी शराब पीने के शौकीन हैं, क्योंकि आने वाले समय में विदेशी व्हिस्की हर पार्टी की शान बढ़ा सकती है। देश में बहुत जल्द विदेशी व्हिस्की के दाम कम होने वाले हैं।

भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर 9वें दौर की चर्चा शुरू हो गई है। इस बैठक में कई वस्तुओं के आयात शुल्क को कम करने, कार्बन टैक्स से राहत देने पर बातचीत होनी है। वहीं शराब पर टैक्स कम करना भी बैठक का मुद्दा है।

शराब के दाम 100 फीसदी कम किए जाएंगे

यूरोपीय संघ की मांग है कि भारत विदेशी शराब यानी यूरोप से आने वाली व्हिस्की पर आयात शुल्क कम करे। फिलहाल देश में विदेशी शराब पर 150 फीसदी टैक्स लगता है। एफटीए के तहत भारत ने अगले 10 सालों में आयात शुल्क को 150 से 50 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा है।

वहीं भारत चाहता है कि यूरोप को निर्यात के लिए यहां उत्पादित व्हिस्की की मैच्योरिटी पीरियड को कम किया जाए। फिलहाल यूरोप में सिर्फ 3 साल पुरानी व्हिस्की के आयात की अनुमति है, जबकि ब्रांडी के लिए सीमा 1 साल है। भारत चाहता है कि व्हिस्की की मैच्योरिटी पीरियड को 3 साल से कम किया जाए। एफटीए की शर्तों पर सहमति के लिए यह 5 दिवसीय बैठक 23 सितंबर से शुरू हुई है।

भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए एफटीए जरूरी

भारत और यूरोप के बीच एफटीए को लेकर यह बातचीत करीब 8 साल बाद जून 2022 में फिर से शुरू हुई है। इससे पहले 2013 में कई विरोधाभासों के चलते यह बातचीत बंद हो गई थी जो 2007 में शुरू हुई थी। इस एफटीए के तहत यूरोप भारत से निर्यात होने वाले 95 फीसदी सामान पर टैक्स छूट चाहता है। इसमें ऑटोमोबाइल और कृषि उत्पाद शामिल हैं। भारत को उम्मीद है कि उसे यूरोप में अपने मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं और सेवा क्षेत्र के लिए बड़ा बाजार मिलेगा।

भारत और यूरोप के बीच कुल व्यापार 2023 में 200 अरब डॉलर को पार कर गया है। भारत ने 2023 में यूरोपीय संघ के 27 देशों को 75.18 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं और 31.13 अरब डॉलर मूल्य की सेवाओं का निर्यात किया है, जबकि यूरोपीय संघ का भारत को कुल निर्यात करीब 103 अरब डॉलर रहा है।

 

 

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