यूपी के देवरिया के शेल्टर होम को लेकर एक और सच सामने आया है कि यहां की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी बच्चियों पर अपने से दोगुने उम्र के मर्दों से शादी का दबाव बनाती थी. इस काम के लिए सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन भी किया जाता था. बच्चियों ने बताया उन्हें दो टाइम का रूखा-सूखा खाना देकर पूरे दिन काम करवाया जाता था.
देवरियाः उत्तर प्रदेश के देवरिया में शेल्टर होम में चल रहे देह व्यापार के खुलासे के बाद अब एक और बात सामने आई है. मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह कैसे बच्चियों के लिए यातना गृह बन गया ये वहां से बचाई गई बच्चियों ने काउंसलिंग के दौरान बताया. उन्होंने कहा कि बच्चियों पर जबरन यौन संबंध और दोगुने उम्र के मर्दों से शादी करने का दवाब डाला जाता था. बच्चों का दो टाइम का रूखा-सूखा खाना दे उनसे दिन भर काम करवाया जाता था.
संरक्षण का यह काला सच 181 हेल्पलाइन की काउंसलिंग में सामने आया है. लड़कियों ने बताया कि बड़ी औऱ छोटी मैडम सामूहिक विवाह आयोजित करवाती थीं. फरवरी 2018 में ही ऐसा आयोजन हुआ जिसमें दो लड़कियों पर दवाब बनाया गया कि वे अपने से दोगुने उम्र के मर्दों से शादी करें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. जबकि कुछ लड़कियों की शादी करवा दी गई. काउंसलिंग के दौरान यौन शोषण की बात तो कबूली लेकिन मन में बैठे डर की वजह से खुलकर अपना दर्द बयां नहीं कर पाई. जिसके बाद काउंसलर ने भी उस पर ज्यादा दवाब बनाना उचित नहीं समझा.
वहीं दो बच्चियों ने मेडिकल करवाने से भी इनकार कर दिया बच्चियों ने ऐसा क्यों किया इसकी जांच पुलिस कर रही है. डॉक्टरों के पैनल का भी कहना था कि बच्चियों की सहमति के बिना चेकअप नहीं किया जा सकता. बता दें कि शेल्टर होम से तीन लड़के भी बरामद किए गए हैं जिसमें एक दो साल का, एक आठ और एक दस साल का है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में स्टेशन रोड पर संरक्षण गृह के पास कई सालों से संचालित भाष्कर प्रेस के वीएन शर्मा ने बताया कि पिछले तीन साल से शेल्टर होम की गतिविधियां संदिग्ध थीं. यहां कई अफसरों और पुलिस वालों का आना-जाना लगा रहता था इसलिए किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती थी.
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