मामला ओडिशा के बौद्ध जिले के ब्राह्मणपाली पंचायत के तहत आने वाले कृष्णपाली गांव का है. जब गांव वालों से मदद नहीं मिली तो 62 साल के चतुर्भुज को अपनी साली के शव को साइकिल पर ही श्मशान ले जाना पड़ा.
भुवनेश्वर. ओडिशा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. बौद्ध जिले के ब्राह्मणपाली पंचायत के तहत आने वाले कृष्णपाली गांव का एक शख्स अपनी साली के शव को श्मशान साइकिल पर बांधकर ले गया, क्योंकि गांव वालों ने मंगलवार को कथित तौर पर उसकी मदद करने से इनकार कर दिया. साइकिल पर शव ले जाते शख्स की फोटो वायरल हो गई है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 40 वर्षीय पंचा महाकुड सास-ससुर के गुजर जाने के बाद अपने 62 वर्षीय जीजा चतुर्भुज बंका के साथ रहने लगी थी. बेहद गरीब होने के कारण वह खुद का लालन-पालन भी नहीं कर सकती थी. कई दिनों से वह डायरिया से पीड़ित थी, जिसके बाद उसे मंगलवार को बौद्ध अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
अस्पताल की एंबुलेंस ने पंचा के शव को चतुर्भुज के घर पहुंचाया. दिहाड़ी मजदूर चतुर्भुज ने अन्य गांव वालों से पंचा के शव को श्मशान ले चलने को कहा, लेकिन हर किसी ने इनकार कर दिया. वजह यह थी कि गांववालों ने उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. मामले को सबके सामने लाने वाले एक जिला परिषद् के सदस्य अंभाकाश साहू ने कहा कि चतुर्भुज की पहली पत्नी से कोई संतान नहीं थी, लिहाजा उसने दूसरी जाति की महिला से शादी कर ली.
पारंपरिक रीति-रिवाज का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर गांव वालों ने उसका बहिष्कार कर दिया. गांव वालों से मदद न मिलती देख चतुर्भुज अपनी साली से शव को साइकिल पर बांधकर श्मशान ले गया और अंतिम क्रिया पूरी की. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. बता दें कि राज्य सरकार ने एक महाप्रयाण योजना भी चलाई है जो लोगों को अस्पताल से लेकर घर तक सेवा मुहैया कराती है.
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