जयपुर : विधानसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वे को लेकर छिड़ी बहस पर रोक लगाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने मास्ट्रक स्ट्रोक चल दिया है। देर शाम रविवार को राजस्थान की सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण का आदेश जारी कर दिया है। वहीं अब देखना है कि राजस्थान सरकार को इस चुनावी […]
जयपुर : विधानसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वे को लेकर छिड़ी बहस पर रोक लगाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने मास्ट्रक स्ट्रोक चल दिया है। देर शाम रविवार को राजस्थान की सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण का आदेश जारी कर दिया है। वहीं अब देखना है कि राजस्थान सरकार को इस चुनावी दाव का कितना लाभ मिलता है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिकता विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी। इस सर्वेक्षण में नागरिकों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर के संबंध में जानकारी व आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। आंकड़ों के आधार पर पिछड़े वर्गो की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएगी।
‘एक्स’ एकाउंट पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस आदेश को जारी किया गया। इस दौरान बताया कि राजस्थान की सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण करने का फैसला लिया है। इस दौरान कांग्रेस जिसकी जितनी भागीदारी- उसकी उतनी ही हिस्सेदारी की योजना पर काम कर रही है।
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षण करवा सकती है। जातिगत जनगणना से लोगों की आर्थिक स्थिति का पता चल सके। मैं जानता हूं कि यह बड़ा निर्णय है और हम इस आगे जरूर बढ़ाएंगे।
शक्रवार को काग्रेंस की कोर कमेटी की पीसीसी के वॉर रुम में घंटो बैठक चली। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में भी बिहार पैटर्न पर जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा जिस तरह से बिहार में कराई गई जाति जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया। अब कांग्रेस की सरकार राजस्थान में भी जातिगत जनगणना के आदेश जारी करेगी।इस बारे में सविधान की भावना और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखा जाएगा।
ALSO READ