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राजस्थानः मंत्रिपरिषद ने पारित किया प्रस्ताव, योजना वापस लेने की अपील

जयपुर, केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में विरोध जारी है. इसी बीच राजस्थान में मंत्रिपरिषद ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में नरेंद्र मोदी सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की अपील की गई है. बता दें, जयपुर में भी इस योजना के विरुद्ध […]

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राजस्थानः मंत्रिपरिषद ने पारित किया प्रस्ताव, योजना वापस लेने की अपील
  • June 18, 2022 7:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जयपुर, केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में विरोध जारी है. इसी बीच राजस्थान में मंत्रिपरिषद ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में नरेंद्र मोदी सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की अपील की गई है. बता दें, जयपुर में भी इस योजना के विरुद्ध लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है.

कांग्रेस करेगी जयपुर में विरोध

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में यह प्रस्ताव पारित किया गया. जहां अग्निपथ स्कीम वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही मंत्रिपरिषद और सीएम गहलोत ने युवाओं से हिंसा नहीं करने की अपील भी की है. इसी बीच अग्निपथ योजना का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने भी कल राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है. इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया कि कल रविवार को अग्निपथ स्कीम के विरोध में राजधानी जयपुर में अमर जवान ज्योति पर कांग्रेस तिरंगा रैली निकालेगी। खाचरियावास का कहना है कि इस योजना के माध्यम से देश भर के युवाओं के सपनों को कुचलने की कोशिश की जा रही है. आगे उन्होंने कहा कि ‘देशहित में यह योजना केंद्र सरकार को वापस लेनी चाहिए. सेना में कुशलता, स्थाई और अनुभव होना आवश्यक है.’

देश भर में विरोध प्रदर्शन

केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देशभर में युवाओं का आक्रोश देखने को मिल रहा है. बिहार से हरियाणा तक आंदोलन आक्रमक होता जा रहा है. कहीं गाड़ियों में आग लगा दी गई तो कहीं ट्रेन की पटरियां ही उखाड़ दी गई, ऐसे में सरकार युवाओं को स्कीम के फायदे समझाने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष का कहना है कि इस योजना के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ खेला जा रहा है और ये सेना की गरिमा को भी कम करता है. शनिवार को यूपी-बिहार समेत देश के 13 राज्यों में इस योजना का विरोध हो रहा है.

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