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UP में मौर्य के समर्थन में लगाए गए ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’ के पोस्टर

लखनऊ। रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक रंग लेता हुआ नजर आ रहा है। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में “गर्व से कहो हम शुद्र है” के पोस्टर लगाए गए है। महासचिव के अलावा पोस्टर पर अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय […]

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UP में मौर्य के समर्थन में लगाए गए ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’ के पोस्टर
  • January 31, 2023 1:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक रंग लेता हुआ नजर आ रहा है। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में “गर्व से कहो हम शुद्र है” के पोस्टर लगाए गए है। महासचिव के अलावा पोस्टर पर अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल का भी नाम लिखा गया है।

बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र किया था जिससे काफी विवाद हो गया था। मौर्य ने कहा था कि, श्रीरामचरितमानस में पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इस वजह से इस किताब पर बैन लगाना चाहिए। मौर्य के इस बयान के बाद संतों और बीजेपी के कई नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी। उनके खिलाफ लखनऊ  में केस भी दर्ज किया गया था।

सपा कार्यालय के बाहर अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल ने पोस्टर लगवाया है, इस पोस्टर में 6743 जातियां शूद समाज गर्व से कहो हम शूद्र है। जय शूद्र समाज जय संविधान लिखा हुआ है। यह पोस्टर इसलिए चर्चा में है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया वार्ता में अपने आप को शूद्र कहा था।

मामले पर अखिलेश यादव ने बयान देते हुए कहा था कि मैं मुख्यमंत्री जी से सदन में पूछना चाहूंगा कि, मैं शूद्र हूं या नहीं । इससे पहले भी अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के लोग दलितों और पिछ़ड़ों को शूद्र समझते है। उन्होंने आगे कहा कि अगर यूपी के सीएम योगी नहीं होते अगर वो किसी धार्मिक स्थान से नहीं आए होते तो ये सवाल मेैं उनसे नहीं पूछता, लेकिन चूंकि वह योगी भी है और धार्मिक स्थान से उठकर सदन में आए है, तो मैं ये कहूंगा कि वो रामचरितमानस की चौपाई एक बार हमें पढ़कर सुना दे, क्या आप पढ़कर सुना सकते है?

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