नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के लिए एचएलसी बनाया गया था। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में इसकी चौथी बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में यमुना की सफाई के कार्यों की समीक्षा की गई है। प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उठाए जा रहे ठोस कदम दिल्ली के एजली […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के लिए एचएलसी बनाया गया था। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में इसकी चौथी बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में यमुना की सफाई के कार्यों की समीक्षा की गई है।
दिल्ली के एजली वी के सक्सेना द्वारा 30 जून तक यमुना नदी में हो रहे प्रदूषण में ठोस सुधार करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया है कि इस साल जून तक 95 फीसदी ट्रीटमेंट को सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं इसके अलावा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, पूर्व निर्मित डीएसटीपी के माध्यम से कई जेजे कॉलोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट के लिए मदद ली जाएगी। वहीं 263 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डाल दी जाएंगी।
यमुना की सफाई और कायाकल्प के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की चौथी बैठक कल 21.04.2023 को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस कमेटी का गठन एनजीटी द्वारा 09.01.2023 को दिए आदेशानुसार किया गया था। उपराज्यपाल इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। बैठक में उन्होंने कार्यों की प्रगति और 8 विशेष लक्ष्यों के तहत जारी निर्देशों के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट की भी समीक्षा की, जिसमें (1) शत प्रतिशत सीवेज ट्रीटमेंट (2) सभी नालों से यमुना में सीवेज़ के प्रवाह को रोकना (3) अनाधिकृत और जेजे कॉलोनियों में सीवेज नेटवर्क का निर्माण (4) सीईटीपी के माध्यम से औद्यौगिक अपशिष्ट प्रबंधन (5) सेप्टेज प्रबंधन (6) यमुना के बाढ़ वाले क्षेत्रों का कायाकल्प (7) अपशिष्ट उपचारित जल का उपयोग (8) नजफगढ़ झील की पर्यावरण प्रबंधन योजना शामिल थी।
गौरतलब है कि इस महत्वूर्ण बैठक में बताया गया है कि जून 2023 तक 90.34 ट्रंक/पेरिफेरल सीवर लाइनों को डीसिल्ट करने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 32.58 किलोमीटर का कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है, शेष मानसून से पहले जून के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। उपराज्यपाल ने शेष 530 किमी के लिए सीवर लाइनों की संख्या (1 मीटर और उससे अधिक व्यास वाली 45 किमी और 1 मीटर से कम व्यास वाली 485 किमी) को निर्देशित किया जो इस वर्ष के अंत तक पूरी की जानी हैं।