गुरबख्श सिंह खालसा ने मंगलवार शाम अपने गांव में आत्महत्या कर ली. रबख्श सिंह खालसा पिछले कई सालों से सिख कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं उनकी मौत की खबर सुनकर गुस्साए सिख समर्थकों ने कुरुक्षेत्र कैथल रोड ब्लॉक कर दिया.
कुरुक्षेत्र: पूर्व मिलीटेंट गुरबख्श सिंह खालसा ने मंगलवार शाम अपने गांव में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. गुरबख्श सिंह खालसा पिछले कई सालों से सिख कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जा रहा है कि घटना के समय गुरबख्श सिंह ने एक सरकारी पानी की टंकी से छलांग लगा दी. मौके पर उन्हें लोक नाइक जय प्रकाश सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. वहीं दूसरी तरफ उनकी मौत की खबर सुनकर गुस्साए सिख समर्थकों ने कुरुक्षेत्र कैथल रोड ब्लॉक कर दिया है.
पुलिस सूत्रों की माने तो गुरबख्श सिंह खालसा और उनके समर्थक दोपहर के समय जिले के पास थस्का अली गांव में इकट्ठे हुए थे. जिसके बाद विभिन्न जेलों में दर्ज अलगाववादी नेताओं के परिवार के सदस्यों द्वारा ‘सिरोपा’ पेश करने के बाद खालसा पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गए. मांगों के समर्थन में पानी की टंकी के ऊपर एक धरना रखा गया था जिसके बाद शाम को अचानक गुरबख्श सिंह खालसा ने टंकी पर से कूदकर अपनी जान दे दी. इस घटना की खबर फैलते ही सिख समर्थकों ने सड़कों पर नारे लगाते हुए रोड ब्लॉक कर दिए.
बताते चलें कि गुरबख्श सिंह खालसा ने जेल में बंद सिखों की रिहाई के लिए 13 नवम्बर 2013 को गुरुद्वारा अंब साहिब मोहाली से भूख हड़ताल शुरू की थी. जिसके करीब 44 दिन बाद श्री अकाल तखत साहिब के जथेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह के द्वारा जल्दी रिहाई का भरोसा देने के बाद भूख हड़ताल बंद कर दी गई. हालांकि, शर्त ना मानने पर उन्होंने 13 नवम्बर 2014 को अंबाला में करीब 65 दिन तक भूख हड़ताल शुरू की. हालांकि, बाद में प्रशासन के समझाने पर हड़ताल स्थागित कर दी गई.
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