नई दिल्लीः देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक निजी कार्यक्रम में कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कई कारण थे. सोनिया ने कहा कि 2004 से 2014 तक..कांग्रेस की लगातार 10 साल तक सरकार रही, लिहाजा 2014 में कुछ एंटीइन्कम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) भी थी. कांग्रेस को नरेंद्र मोदी की मार्केटिंग से मात खानी पड़ी. सोनिया गांधी ने कहा कि 2014 चुनावों में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बना लेकिन विरोधी दल द्वारा यह मुद्दा गलत आंकड़ों और दावों पर तैयार किया गया था. CAG की भूमिका भी इस मुद्दे को बढ़ाने में अहम थी. सोनिया गांधी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि बीजेपी के ‘अच्छे दिन’ एक बार फिर उनके लिए ‘शाइनिंग इंडिया’ बनने जा रहे हैं.’
राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के बाद सोनिया गांधी ने पहली बार खुलकर किसी निजी कार्यक्रम में अपनी बात रखी. सोनिया गांधी ने कहा कि जनता से संवाद उनके लिए बहुत स्वभाविक नहीं है. ऐसे में वह संवाद स्थापित करने के लिए पढ़ने में ज्यादा समय देती हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब वह एक सामान्य कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में हैं. वह अक्सर राहुल से पार्टी के मामलों में बातचीत करती रहती हैं. वह कहती हैं कि वह राहुल या पार्टी पर अपने विचार नहीं थोपना चाहतीं. हर किसी के काम करने का अपना तरीका होता है, राहुल का भी है. राहुल सभी को खासतौर पर युवाओं को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भुलाकर नहीं.
सोनिया गांधी ने जनता से सवाल करते हुए कहा कि वह देश से पूछना चाहती हैं कि क्या मई 2014 से पहले देश एक ब्लैकहोल था और सिर्फ इस तारीख के बाद ही देश ने सब कुछ किया है? सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज खुद के विचारों को व्यक्त करना दुश्वार हो गया है. खुद के बारे में सोचने पर भी हमला किया जा रहा है. हर ओर धार्मिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. सरकार की ओर से जानबूझकर उन्माद फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं. दलितों और महिलाओं पर सुनियोजित हमले किए जा रहे हैं. इस हालातों में उस भारत का क्या हुआ जो हम बनाना चाहते थे. हमें तेज चलने की जरूरत है लेकिन लोगों को पीछे छोड़ते हुए नहीं.
सोनिया गांधी ने सरकार से पूछा कि आपके मैक्सिमम गवर्नमेंट का क्या मतलब रह जाता है जब देश में लोगों को नौकरी नहीं दी जा सकती. 2014 के बाद से देश के किसानों की हालत खराब हुई है. किसान विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया, यह पूरा देश जानता है. सोनिया गांधी ने कहा कि हमें चीजों को उसी तरह से देखने की जरूरत है जैसा वह हैं, न कि उसे पैकेज करके देखने की. 2019 चुनाव की तैयारियों पर सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी कोशिश है कि देश में एक सेक्युलर फ्रंट को तैयार करने में वह अहम भूमिका अदा करें जिससे देश की राजनीति को अच्छी दिशा मिलती रहे.
राहुल को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी से जुड़ने के लिए नए तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत है. इसके साथ ही कांग्रेस को जनता के बीच अपने प्रोग्राम और पॉलिसीज को नए तरीके से पेश करने की भी जरूरत है. सोनिया गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर्फ पीएम के तौर पर जानती हैं. बीजेपी के साथ खड़े दल अब संसद में उनका विरोध कर रहे हैं. टीडीपी, शिवसेना जैसी पार्टियां भी अब उनका विरोध कर रही हैं. सोनिया ने कहा कि 2019 चुनाव में मुख्य मुद्दा बीजेपी द्वारा बीते 5 साल के दौरान किए गए वादे होंगे क्योंकि पूरा कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उनके (सरकार) वादे आज तक वादे ही रह गए हैं.
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