नई दिल्ली: नेपाल में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है. इस वजह से अबतक 112 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं. 68 से अधिक लोग बाढ़ में लापता बताए जा रहे हैं. शनिवार को राजधानी काठमांडू में हुई इस भारी बारिश ने पिछले 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इससे पहले ऐसी बारिश 1970 में हुई थी. नेपाल के मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है.
काठमांडू में सबसे ज्यादा बारिश 2002 में हुई थी. लेकिन पिछले 24 घंटों से घाटी में हुई बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को पिछले 24 घंटे में काठमांडू में 239.7 मिमी बारिश हुई. 2002 में 177 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी. शुक्रवार को झापा जिले में 299 मिमी बारिश दर्ज की गयी. शुक्रवार को झापा जिले में 299 मिमी बारिश दर्ज की गयी. नेपाल में ज्यादातर जगहों पर रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. देश में 60 से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग ठप हैं. सैकड़ों घर और पुल दब गए या बह गए. सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गये.
बाढ़, बारिश और भूस्खलन से मध्य और पूर्वी जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. काठमांडू घाटी में भारी नुकसान हुआ है. यहां कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई. काठमांडू में 226 घर डूब गए हैं. बाढ़ और भूस्खलन के कारण से कांवरे जिले में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य पानी में लापता हो गए. बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण काठमांडू के सभी प्रवेश मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं. प्रभावित इलाकों में करीब 3000 सुरक्षाकर्मियों की बचाव टीम तैनात की गई है. नेपाल में भोटेकोशी नदी उफान पर है. यह नदी नेपाल की तातोपानी सीमा को चीन से जोड़ने वाले बेली ब्रिज को बहा ले गई.
नेपाल में भारी बारिश और दोनों बैराजों से रिकॉर्ड पानी डिस्चार्ज के कारण बिहार के सीमांचल में कोसी-गंडक ने रौद्र रूप ले लिया है. बिहार के चंपारण से लेकर किशनगंज और सुपौल से लेकर कटिहार तक 20 जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. स्थिति यह है कि कोसी में 56 साल बाद 6.02 लाख क्यूसेक और गंडक में 21 साल बाद 5.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. अगले 72 घंटे तक निगरानी के लिए जन संसाधन विभाग ने वॉर रूम बनाया है.
बता दें कि बिहार में 8 नदियों का जलस्तर डेंजर जोन से ऊपर पहुंच गया है. वहीं, नेपाल के रौतहट जिले के करवाना और धरमपुर में बागमती नदी का बांध टूट गया है. इससे आसपास के दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है.
1. गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक
2. कमला बलान, ललबकिया, महानंदा नदी
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