कालका-शिमला ट्रैक पर चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, इन स्टेशनों का हुआ चयन

शिमला: विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे खंड पर अब हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की तैयारी है. यह ट्रेन कालका, शिमला और बड़ोग स्टेशनों पर चलेगी. बता दें, यह ट्रेन देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन होने वाली है जिसके लिए ख़ास स्टेशनों का चयन किया गया है. इन कुछ ख़ास स्टेशनों पर पानी से हाइड्रोजन निकालकर उसे […]

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कालका-शिमला ट्रैक पर चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, इन स्टेशनों का हुआ चयन

Riya Kumari

  • February 3, 2023 6:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

शिमला: विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे खंड पर अब हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की तैयारी है. यह ट्रेन कालका, शिमला और बड़ोग स्टेशनों पर चलेगी. बता दें, यह ट्रेन देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन होने वाली है जिसके लिए ख़ास स्टेशनों का चयन किया गया है. इन कुछ ख़ास स्टेशनों पर पानी से हाइड्रोजन निकालकर उसे ईंधन में बदलने के लिए प्लांट लगाए जाएंगे.

रेलवे की योजना

फिलहाल कालका-शिमला रूट पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है. गौरतलब है कि बीते बुधवार को बजट के बाद रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने भी इस बात की जानकारी दी थी. अपने विरासत मार्गों पर भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन ट्रेनों के संचालन की योजना बना ली है. पिछले एक साल से उत्तर रेलवे का अंबाला मंडल इस प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहा है.

पर्यावरण अनुकूल है ईंधन

इसे लेकर संबंधित अधिकारी ने जानकारी दी कि रेलवे ने कालका-शिमला रेल खंड का सर्वे भी पूरा हो चुका है. वर्तमान समय में इस रेल खंड पर डीजल इंजन संचालित हो रहे हैं. दूसरी ओर हाइड्रोजन को प्रदूषण रहित स्वच्छ ईंधन कहा जाता है. इस ईंधन के इस्तेमाल से हानिकारक गैसों का शून्य उत्सर्जन होता है. ऐसे में यह स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल माना जाता है.

इस ट्रैक पर चलेगी

पहले चरण में सरकार ने केवल नैरो गेज ट्रैक पर ही हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का फैसला लिया है. रेलवे का लक्ष्य डीजल से चलने वाले लोकोमोटिव (इंजन) को हाइड्रोजन इंजन में बदलने का है. इससे हरित ईंधन आधारित ट्रेनें उपलब्ध हो पाएंगी और हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ट्रेन सेट के रूप में शुरू किया जाएगा.

बजट में मिली सौगात

इस साल बजट घोषणाओं के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रीन रेलवे के बारे में भी जिक्र किया। आपको बता दें, रेलवे को 2.4 लाख करोड़ की सौगात मिली। ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की तरह भारत एक और मिशन की ओर बढ़ रहा है। वह मिशन ग्रीन रेलवे का है। जब हम ग्रीन रेलवे की बात करते हैं, तो हम आम तौर पर रेलवे के विद्युतीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन इस मिशन को पूरा करने के लिए इसके अलावा भी कई दिशाओं में काम किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में केंद्र सरकार की तैयारियों के बारे में बताया।

 

भारतीय रेलवे की अनोखी पहल

दरअसल, भारतीय रेलवे ऐसे तमाम उपाय कर रही है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली गतिविधियों से रेलवे या तो परहेज कर रहा है या फिर उन्हें बंद कर विकल्प अपना रहा है। इस कहानी में समयोचित चर्चा के माध्यम से हम विस्तार से समझेंगे कि आने वाले दिनों में भारत ग्रीन रेलवे वाला पहला देश कैसे होगा?

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