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भारत में मिला मंकीपॉक्स का पहला क्लेड-1 स्ट्रेन का मरीज, विदेश यात्रा कर भारत लोटा था

नई दिल्ली: भारत में मंकीपॉक्स के पहले क्लेड-1 स्ट्रेन का पहला मरीज डिटेक किया गया है। यह वही स्ट्रेन है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। मरीज पिछले सप्ताह यूएई से केरल लौटा था। केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पीड़ित की उम्र 38 साल है। 17 सितंबर […]

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मंकीपॉक्स
  • September 23, 2024 8:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: भारत में मंकीपॉक्स के पहले क्लेड-1 स्ट्रेन का पहला मरीज डिटेक किया गया है। यह वही स्ट्रेन है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। मरीज पिछले सप्ताह यूएई से केरल लौटा था। केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पीड़ित की उम्र 38 साल है। 17 सितंबर को उसने मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद खुद को क्वारंटीन कर लिया था।

राज्यों में एडवाइजरी जारी

इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को मंकीपॉक्स के संदेह में 8 सितंबर को आइसोलेशन में रखा गया था। सैंपल लेकर जांच की गई, जिसमें मंकीपॉक्स स्ट्रेन क्लेड-2 की पुष्टि हुई। राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी 9 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। चंद्रा ने कहा था कि सभी राज्यों को मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए स्वास्थ्य कार्रवाई करनी होगी। राज्यों को मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। मंकीपॉक्स को लेकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा जारी कम्युनिकेबल डिजीज अलर्ट (सी डी अलर्ट) पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

WHO ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। 20 अगस्त को भारत ने देश के सभी बंदरगाहों, हवाई अड्डों के साथ-साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर अलर्ट जारी किया था।

दो साल में यह दूसरी बार है जब डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के दस देश इससे गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इसके बाद यह दुनिया के बाकी हिस्सों में फैल गया।

 

 

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