महिला पुलिसकर्मी ने बुलडोजर चलाकर ढहाया नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले का मकान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की तरह ही एमपी में दुष्कर्म के दोषियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में दमोह में नाबालिग से रेप के आरोपी के घर पर भी बुलडोजर चलाया गया. आरोपी ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ था. इस दौरान ख़ास बात ये रही की मकान को ढहाने […]

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महिला पुलिसकर्मी ने बुलडोजर चलाकर ढहाया नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले का मकान

Riya Kumari

  • March 10, 2023 9:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की तरह ही एमपी में दुष्कर्म के दोषियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में दमोह में नाबालिग से रेप के आरोपी के घर पर भी बुलडोजर चलाया गया. आरोपी ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ था. इस दौरान ख़ास बात ये रही की मकान को ढहाने वाली और बुलडोज़र की कार्रवाई करने वाली एक महिला पुलिस कर्मी थी. इस पूरी कार्रवाई को महिला पुलिसकर्मियों ने मिलकर अंजाम दिया.

महिलाओं ने चलाया बुलडोज़र

इस बुलडोज़र को चलाते हुए महिला पुलिसकर्मी ने जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई. जानकारी के अनुसार, दमोह जिले के रनेह में एक नाबालिग के साथ 4 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले में पहले ही तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके थे. शुक्रवार को दुष्कर्म का चौथा आरोपी भी पुलिस की पकड़ में आ गया जिसे न्यायालय में पेश किया गया. चौथे आरोपों का नाम कौशल किशोर चौबे बताया जा रहा है जो सामूहिक दुष्कर्म का दोषी है. इसी कड़ी में हिनमतपटी रोड स्थित कौशल किशोर चौबे के मकान पर प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंची जहां अतिक्रमण की कार्रवाई की गई. जानकारी के अनुसार ये जमीन सरकार की है जिस पर किशोर ने कब्ज़ा जमाया हुआ था।

सरकारी जमीन पर जमाया कब्ज़ा

इतना ही नहीं उसने इस सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण भी कर लिया था. यह जमीन 75 लाख रुपये कीमत की बताई जा रहे है जो 7500 स्क्वायर फीट है. अब शुक्रवार को उसके द्वारा अतिक्रमण की गई सरकारी जमीन को महिला पुलिसकर्मियों द्वारा मुक्त करवाया गया है. जहां महिला पुलिसकर्मी ने खुद बुलडोजर चलाया. इस दौरान महिला एसआई नित्या त्रिपाठी, उप निरीक्षक बंदना गौर, उप निरीक्षक महमूदा बानो समेत कई महिला कर्मचारियों के ने अतिक्रमण हटाने की कमान संभाली.

इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने जमीन पर बने कच्चे मकान को जमींदोज कर दिया. इस पूरी कार्रवाई के दौरान हटा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह और तहसीलदार रोहित सिंह राजपूत मौजूद के साथ अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे. हालांकि कई लोग इस बुलडोज़र एक्शन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि आखिर किसी व्यक्ति के जुर्म की सजा उसके परिवार को क्यों दी जा रही है.

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