गर महाकुंभ के दौरान महिला साधु को अगर मासिक धर्म आ जाता है तो फिर वैसे में वो क्या करती हैं। साथ ही रजस्वला स्त्री के लिए महाकुंभ स्नान सही है या गलत!
प्रयागराज। मकर संक्रांति के दिन पहले अमृत स्नान पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। 13 अखाड़ों के साधुओं ने भी शाही स्नान किया। इसमें नागा साधु और साध्वी भी थे। नागा साधुओं के स्नान के बाद साध्वियों ने स्नान किया। लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि अगर महाकुंभ के दौरान महिला साधु को अगर मासिक धर्म आ जाता है तो फिर वैसे में वो क्या करती हैं। साथ ही रजस्वला स्त्री के लिए महाकुंभ स्नान सही है या गलत!
आपको बता दें कि महिला नागा साधु पीरियड्स आने पर संगम में डुबकी नहीं लगाती हैं। अगर मासिक धर्म आ जाता है तो वह गंगा जल के छींटे अपने ऊपर डाल लेती हैं। इससे स्नान पूर्ण हो जाता है। किसी भी रजस्वला स्त्री को पीरियड्स में महाकुंभ में स्नान करना वर्जित है। अगर पीरियड्स आ जाए तो वो गंगा-युमना के जल को अपने ऊपर छिड़क लें, इससे भी उन्हें उतना ही पुण्य मिलेगा, जितना सम्पूर्ण स्नान करने से।
महिलाएं जब दीक्षा लेकर नागा साधु बन जाती हैं तो उन्हें वस्त्र धारण करना पड़ता है। महिला नागा साधु अपने माथें पर तिलक लगाती हैं। उन्हें एक ही कपड़ा पहनने की अनुमति मिलती हैं, जो गेरुए रंग का रहता है। महिला नागा साधु बिना सिले हुए कपड़ा पहनती हैं, जिसको गंती कहा जाता है। नागा साधु बनने से पहले महिला को 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।
महाकुंभ में पहुंची सबसे सुंदर साध्वी की असलियत आई सामने, लोग बोले हे महादेव…!
Maha Kumbh 2025: यति नरसिंहानंद के कैंप के बाहर घूमता नज़र आया मुस्लिम युवक, नाम बदल कर रहा था जासूसी
मिल्कीपुर उपचुनाव: सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद का नामांकन आज, पिता अवधेश की मौजूदगी में भरेंगे पर्चा