लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा विसर्जन के दौरान ब्राह्मण युवक की हत्या के बाद से हालात ठीक नहीं हुए हैं। हिंसा के बाद से पुलिस दंगाइयों को ढूंढने में लगी हुई है। जिस अब्दुल हमीद के घर में रामगोपाल मिश्रा की बेरहमी से हत्या की गई वह पूरे परिवार के साथ फरार है। […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा विसर्जन के दौरान ब्राह्मण युवक की हत्या के बाद से हालात ठीक नहीं हुए हैं। हिंसा के बाद से पुलिस दंगाइयों को ढूंढने में लगी हुई है। जिस अब्दुल हमीद के घर में रामगोपाल मिश्रा की बेरहमी से हत्या की गई वह पूरे परिवार के साथ फरार है। जिस महाराजगंज में रामगोपाल मिश्रा की हत्या की गई वहां की आबादी 6 हजार है। इसमें 80 फीसदी मुसलमान हैं।
दो दिन से पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर गली में पुलिस फ़ोर्स तैनात है। बाजारों में जली हुई दुकानें, शो रूम, फूंकी हुई गाड़ियां दिख रही है। एनकाउंटर के डर से मुस्लिम लोग घर छोड़कर भाग रहे हैं। ज्यादातर लोगों के गेट पर ताला लगा हुआ है। दंगे के बाद भड़की भीड़ ने कई घरों में आग लगा दी थी।
पूरा मामला हरदी थाने के रेहुआ मंसूर गांव का है। रविवार शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए भीड़ पर महराजगंज बाजार में मुसलमानों ने पथराव कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें रेहुआ मंसूर गांव के 22 साल के राम गोपाल मिश्रा को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य शख्स बुरी तरह से घायल है। राम गोपाल की शादी को सिर्फ 4 महीने हुए थे। परिजन आरोप लगा रहे कि मुसलमानों की भीड़ ने खींचकर बाहर निकाला पर फिर गोली मार दी।
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