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पिता ने बड़ी तंगी से बेटी को पढ़ाया, आज लड़की बनी बिहार की दूसरी टॉपर

पटना: बिहार बोर्ड ने मंगलवार को 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया। बता दें, इस बार छात्रों का परिणाम प्रभावशाली रहा। सीतामढ़ी जिले के सुरसंड नगर पंचायत निवासी मनोज कुमार की पुत्री भूमि कुमारी ने राजकीय कॉमर्स में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। भूमि की सफलता से पूरा परिवार बेहद खुश है। आपको बता दें, […]

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पिता ने बड़ी तंगी से बेटी को पढ़ाया, आज लड़की बनी बिहार की दूसरी टॉपर
  • March 21, 2023 10:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: बिहार बोर्ड ने मंगलवार को 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया। बता दें, इस बार छात्रों का परिणाम प्रभावशाली रहा। सीतामढ़ी जिले के सुरसंड नगर पंचायत निवासी मनोज कुमार की पुत्री भूमि कुमारी ने राजकीय कॉमर्स में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। भूमि की सफलता से पूरा परिवार बेहद खुश है। आपको बता दें, भूमि के पिता मनोज कुमार ऑटो चलाते हैं। ऑटो चलाने की कमाई से घर चलता है और बेटी की पढ़ाई भी हो गई है। आज रिजल्ट के सामने आने के बाद से परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है।

 

हासिल किए 474 अंक

आपको बता दें, भूमि ने 12वीं की पढ़ाई विशेश्वर रामेश्वर बालिका उच्च विद्यालय से पूरी की है। भूमि ने 474 अंक हासिल किए हैं। हालांकि, दो अन्य बच्चों को भी कॉमर्स में 474 अंक मिले हैं। औरंगाबाद की तनुजा सिंह और गया की कोमल कुमारी ने भी 474 रन बनाए। भूमि के पिता मनोज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पास रहने के लिए पक्का घर भी नहीं था। घर की गाड़ी ठीक से नहीं चली, लेकिन आज पिता ने किसी तरह अपनी बेटी को पढ़ाया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।

 

लोन पर लिया था पिता ने ऑटो

ऐसा कहा जाता है कि भूमि के पिता ने एक ऑटो को उधार लिया था। उसके बाद उसके पिता ने ऑटो चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। भूमि अपने पिता की मेहनत देखकर काफी प्रभावित हुईं। ऐसा लग रहा था कि उसने अपने पिता की नजरों में खुद को एक होनहार बेटी साबित करने का फैसला कर लिया है। वह सपना आज साकार हुआ।

 

बच्चों की परवरिश में कोई लापरवाही नहीं

भूमि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। दूसरा भाई आठवीं कक्षा में पढ़ता है। छोटा भाई तीसरी कक्षा में पढ़ता है। भूमि के पिता मनोज ने कहा कि उनके परिवार को हमेशा आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा की कभी उपेक्षा नहीं की। आपके बच्चे शिक्षा के माध्यम से समाज में अपना नाम रोशन करें, यही उनकी एकमात्र इच्छा है। आज बेटी की सफलता से मन हर्षित है। उन्होंने कहा कि वह जमीन को पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

 

 

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