नई दिल्ली. देशभर में बीते 1 साल से तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 1 साल से आंदोलन पर बैठे हैं. ऐसे में, तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद से किसान आंदोलन के खत्म होने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन, किसान अभी भी बॉर्डर्स पर अड़े हुए हैं. आज […]
नई दिल्ली. देशभर में बीते 1 साल से तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 1 साल से आंदोलन पर बैठे हैं. ऐसे में, तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद से किसान आंदोलन के खत्म होने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन, किसान अभी भी बॉर्डर्स पर अड़े हुए हैं. आज आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों की बैठक ( Farmers Meeting ) होने वाली है, साथ ही किसान आंदोलन की नई रणनीति को लेकर किसानों की 4 दिसंबर को बैठक होने वाली है.
बीते दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया, लेकिन किसानों का आंदोलन अब भी जारी है. इसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. अपनी मांगों पर बात करते हुए टिकैत ने राकेश कहा, “50-55 हजार मुकदमे जो आंदोलन के दौरान दर्ज हुए हैं, वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी कानून बने, जिन किसानों ने जान गंवाई है, उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं. अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं. सरकार को बातचीत करनी चाहिए.”
बता दें कि किसान आंदोलन की नई रणनीति तय करने के लिए किसान संगठनों ने 4 दिसंबर को बैठक बुलाई है. पहले यह बैठक आज होने वाली थी.
किसान संगठनों की बैठक रद्द होने पर किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने सफाई देते हुए कहा, “आज 32 किसान संगठन और वे लोग जो सरकार के साथ बातचीत के लिए जाते थे, उनकी बैठक बुलाई गई है. गलती से घोषणा हो गई कि संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है.”
बता दें कि आज सरकार और किसानों की बैठक में किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों और MSP की कमेटी के मुद्दे पर चर्चा होने वाली है.