नई दिल्ली: दिल्ली के तिलक नगर में नकली वीजा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है. यह फैक्ट्री तिलक नगर इलाके में पिछले पांच साल से चल रही थी. वहीं पुलिस ने छापेमारी के दौरान 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली के तिलक नगर में नकली वीजा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है. यह फैक्ट्री तिलक नगर इलाके में पिछले पांच साल से चल रही थी. वहीं पुलिस ने छापेमारी के दौरान 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस ने 30 फर्जी वीजा, 18 पासपोर्ट, भारी मात्रा में वीजा बनाने का सामान बरामद किया है. वहीं दो सितंबर को फर्जी वीजा पर सफर करने वाले संदीप नाम का यात्री, जो इमिग्रेशन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया था.
वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ कि नकली वीजा पर और भी लड़के विदेश गए हैं. वहीं कुरुक्षेत्र के रहने वाले संदीप ने बताया कि आसिफ अली को 10 लाख रुपये देकर उन्होंने वीजा हासिल किया था. वहीं पुलिस ने नवीन राणा, आसिफ अली, शिवा गौतम को गिरफ्तार किया है. वहीं पूछताछ में आरोपियों ने एजेंट बलवीर सिंह का नाम बताया और इसके बाद पुलिस ने बलबीर सिंह और जसविंदर सिंह को अरेस्ट किया. इसके बाद पुलिस को दोनों ने बताया कि फर्जी वीजा मनोज मोंगा बनाता है और मनोज मोंगा की फैक्ट्री तिलक नगर में है. इस फैक्ट्री में कई देशों के फर्जी वीजा तैयार किए जाते हैं. इसके बाद तिलक नगर में छापा मारकर पुलिस ने मनोज मोंगा को भी अरेस्ट कर लिया और वो ग्राफिक्स डिजाइनिंग में डिप्लोमा होल्डर है.
करीब पांच साल पहले मनोज मोंगा की मुलाकात जयदीप सिंह नाम के शख्स से हुई थी. जयदीप सिंह ने मनोज मोंगा को हुनर का उपयोग फर्जी वीजा बनाने में सलाह दी. जयदीप की सलाह पर मनोज पूर्ण रूप से तैयार हो गया. इसके बाद जयदीप सिंह ने मनोज मोंगा को फर्जी वीजा बनाने का सामान मुहैया कराया. वहीं पुलिस के मुताबिक फर्जी वीजा फैक्ट्री में हर महीने 30 से 60 वीजा तैयार किए जाते थे. वहीं एक वीजा सिर्फ 20 मिनट में बनकर तैयार हो जाता था, जिसका कीमत 8 लाख रुपये लेते थे.
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