कोटा: कोटा, जिसे पिछले वर्षों तक छात्रों की तैयारी के लिए मशहूर था, अब अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से दिखाई दे रहा है। साल 2024 में कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या में तेजी से कमी आई है। पिछले साल की तुलना में, लगभग 1.20 लाख स्टूडेंट्स इस सिटी में आये थे, जो इस साल में आधे से भी कम है। इसका मुख्य कारण है कि अब यूपी, बिहार और अन्य राज्यों में नए कोचिंग संस्थानों की शुरुआत हो गई है, जिसके कारण उन राज्यों के छात्रों की कोटा में आने की संख्या में कमी आई है।
कम स्टूडेंट्स आने से कोटा की हॉस्टल इंडस्ट्री पर तेजी से असर पड़ रहा है। हॉस्टल के लीज होल्डर देवेश त्रिपाठी ने बताया कि हॉस्टल के कमरे अब खाली रहने लगे हैं और इसके वजह से वे अपने खर्चों को नहीं निकाल पा रहे हैं। कई हॉस्टल वाले अब स्टूडेंट्स को कम किराए पर ही रूम और खाना देने की स्कीम ला रहे हैं।
कोटा की कोचिंग संस्थानों में स्टूडेंट्स की कमी से दुकानों पर भी भारी गिरावट आई है। कई दुकानें अब खाली हो गई हैं और उनके मालिकों को किराए के पैसे निकालने में मुश्किलें आ रही हैं।
कोटा में स्थित बिजनेसों को भी इस असर का सामना करना पड़ रहा है। जैसे ही छात्रों की संख्या में कमी आई है, इसका सीधा असर उनके व्यापार पर दिखने लगा है।
कोटा में कोचिंग संस्थानों की अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जबकि शहर के अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कई स्थानीय व्यापारी और होटलियर्स को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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