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आज से ठीक 14 साल पहले…वो ही शुक्रवार… वो ही पटरी और वो ही कोरोमंडल की दर्दनाक घटना

भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर से पूरा देश दहशत में है। मरने वालों की संख्या 288 हो गई है। वहीं, घायलों की तादाद 1000 से ज़्यादा बताई जा रही है। मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका है। घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। बालासोर में ट्रेन हादसा देश के […]

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आज से ठीक 14 साल पहले…वो ही शुक्रवार… वो ही पटरी और वो ही कोरोमंडल की दर्दनाक घटना
  • June 3, 2023 4:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर से पूरा देश दहशत में है। मरने वालों की संख्या 288 हो गई है। वहीं, घायलों की तादाद 1000 से ज़्यादा बताई जा रही है। मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका है। घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। बालासोर में ट्रेन हादसा देश के सबसे भीषण हादसों में से एक है। देश में पहले भी रेल हादसे होते रहे हैं, लेकिन ऐसा भीषण हादसा करीब डेढ़ दशक बाद हुआ। हादसे की तस्वीरें और वीडियो देखकर आपकी रूह कांप जाएगी। इस घटना ने हमें साल 2009 में हुई एक घटना की याद दिला दी।

 

➨ शुक्रवार का दिन और बालासोर में कोरोमंडल

इसे इत्तेफाक कहें या दुर्भाग्य कहें, वो हादसा भी ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के साथ हुआ था। इतना ही नहीं हादसे का दिन भी शुक्रवार ही था। तारीख थी 13 फरवरी 2009। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर 14 साल बाद एक ही दिन उसी जगह पर एक ही ट्रेन का फिर से एक्सीडेंट कैसे हो गया। यह मानवीय भूल है या तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ? या फिर कोई और वजह है कि यह घटना हो रही है? आइए आपको उस घटना के बारे में जानकारी देते हैं:

 

➨ ट्रेन की बोगियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ गईं

उस रोज़ कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से चेन्नई के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन की रफ्तार भी बेहद तेज थी। इसी बीच ओडिशा के बालासोर में ट्रेन के 16 डिब्बे अचानक पटरी से उतर गए। इस हादसे में बोगियां भी एक दूसरे के ऊपर चढ़ गई। हालांकि, उसमें सवार 16 यात्रियों की मौत हो गई थी। वहीं, 160 लोग ज़ख़्मी हो गए थे। इस दौरान तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने हादसे पर दुख जताते हुए साजिश की आशंका जताई थी। हालांकि उन्होंने आगे की जांच के आदेश दे दिए थे।

 

➨ इतना दर्दनाक और बड़ा नहीं था हादसा

हालांकि यह 2 जून की घटना जितना डरावना नहीं था। 14 साल बाद हुए हादसे में 288 लोगों की जान चली गई। वहीं, करीब 1000 लोग घायल हैं। इस हादसे में 2 ट्रेन और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई। इस घटना के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। रेलवे, NDRF, SDRF और सेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की खबर है। इस घटना पर एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया था। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि यह घटना कैसे हुई।

 

 

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