Madhya Pradesh Assembly election: मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा के लिए वोटिंग हुई थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईवीएम मशीने मतदान के 48 घंटे बाद कलेक्शन सेंटर पहुंची और बीजेपी ने नतीजों से छेड़छाड़ की है. वहीं राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि जिन मशीनों की कांग्रेस बात कर रही है, वे रिजर्व के लिए रखी गई थीं और मतदान में इस्तेमाल नहीं हुई.
भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद बड़ा विवाद पैदा हो गया है. बुधवार को राज्य में हुए मतदान के 48 घंटे बाद ईवीएम मशीने कलेक्शन सेंटर पर पहुंची. ईवीएम मशीने जिले के खुराई शहर के पुलिस थाने में रखी हुई थीं, जहां से बीजेपी के भूपिंदर सिंह विधायक हैं. वह कांग्रेस के अरुणोदय चौबे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कलेक्शन सेंटर लाए जाने से पहले ईवीएम मशीनों को भूपिंदर सिंह के होटल में रखा गया. मामले में शामिल अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेस के सैकड़ों समर्थकों ने कलेक्शन सेंटर के बाहर शुक्रवार को हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नतीजों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, ”मध्य प्रदेश के गृह मंत्री के इलाके में मतदान के 48 घंटे बाद ईवीएम मशीनों को एेसी बस के जरिए लाया गया, जिस पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था. क्या यह सरकार द्वारा बीजेपी को जिताने की साजिश है? ” वहीं राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इन ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल वोटिंग के लिए नहीं किया गया. इन्हें स्टैंड बाय पर रखा गया था, ताकि अन्य मशीनों में तकनीकी समस्या आने पर इस्तेमाल किया जा सके. सूत्रों के मुताबिक एेसी करीब 34 ईवीएम थीं.
मुख्य चुनाव अफसर ने लिखा, ”कुछ पुलिस थानों में इन ईवीएम मशीनों को रिजर्व के तौर पर रखा गया था, ताकि अन्य मशीनों के रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके. जिस स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम मशीनों को रखा जा सकता, उसे न तो खोला गया न ही खोला जा सकता है.” उन्होंने कहा, ” हर ईवीएम मशीन का यूनीक कोड होता है. जिन ईवीएम मशीनों का चुनाव में इस्तेमाल हुआ, उनके नंबर सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ साझा किया गया है. रिजर्व ईवीएम मशीनों के नंबर्स सागर जिले में राजनीतिक पार्टियां चेक कर चुकी हैं. उनके नंबर अलग हैं. ”