राजस्थान: बच्ची खेत में बने मकान में वह सो रही थी उसी दौरान सांप ने डस लिया। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन मासूम ने इलाज के दौरान ही अपना दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने बेटी के कही उन बोतों पर उसका आंख दान करने का निर्णय लिया। राजस्थान के टोंक जिले की […]
राजस्थान: बच्ची खेत में बने मकान में वह सो रही थी उसी दौरान सांप ने डस लिया। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन मासूम ने इलाज के दौरान ही अपना दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने बेटी के कही उन बोतों पर उसका आंख दान करने का निर्णय लिया।
राजस्थान के टोंक जिले की एक दस साल की बच्ची मरने के बाद भी लोगों को जिंदगी रौशन कर गई। रायथल्या गांव की अंजली कंवर ने बने मकान में वह सो रही थी तभी सांप ने डस लिया। मरने से पहले बच्ची ने बताया कि मेरी आंखें दान कर देना। जिससे किसी और का जीवन में रौशनी हो सके।
घटना के अनुसार अंजली कंवर पुत्री पप्पू सिंह शुक्रवार रात को खेत पर बने मकान में वह सो रही थी। इसी दौरान उसे एक सांप ने काट लिया। जिससे वो खूब रोने लगी। परिजन जागे और उसे मालपुर अस्पताल ले गए, तब पता चला कि उसे सांप ने डस लिया है। मालपुर अस्पताल से बच्ची को जयपुर रेफर कर दिया गया। जयपुर के SMS अस्पताल में अंजलि को भर्ती करवाया गया लेकिन इसी दौरान उसकी मौत हो गई।
इस घटना का पता चलते ही बालिका के मामा शंकर सिंह निवासी लावा भी जयपुर पहुंचे। घटना के बारें में परिवार जनों ने मामा को कहा कि अंजलि ने मरते समय कहा था कि मेरी आंखें दान कर देना। इस पर मामा ने परिजनों को प्रेरणा दी कि अंजली की तो मौत हो गई और बच्ची की आंखें दान कर दीजिए। चाहे हमारी बिटिया हमारे बीच नहीं रही तो क्या लेकिन उसकी आंखों से किसी और के जीवन में रौशन हो सकेगा। इस पर सभी परिवार जनों ने डॉक्टर से बताया कि हमने बिटिया की आंखें दान करने का निर्णय लिया है। जिस इंसान को बालिका की आंखें लगाया जाए, केवल एक बार उस इंसान से हम जरूर मिलना चाहेंगे।
मृतका अंजलि के दो बड़े भाई मौजूद है। माता-पिता मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं। बालिका सरकारी स्कूल में कक्षा 4 में पढ़ती थी। इस घटना से परिवार में काफी शोक का माहौल है। बता दें कि इस प्रेरणात्मक कार्य के लिए आई बैंक सोसायटी ने अंजलि को सम्मान पत्र से सम्मानित किया है।