बिजली संशोधन बिल 2021 राज्यों के अधिकारों पर डांका है। बिजली संशोधन बिल राज्यों के अधिकारों पर एक और हमला है।साजिश के तहत कृषि क्षेत्र को बेहद महंगा किया जा रहा, ताकि किसान कॉर्पोरेटस के सामने आत्म समर्पण कर दे। विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल किसानों समेत सभी वर्गों की बिजली सब्सिडी को छीन लेगा।
नई दिल्ली. बिजली संशोधन बिल 2021 राज्यों के अधिकारों पर डांका है। बिजली संशोधन बिल राज्यों के अधिकारों पर एक और हमला है।साजिश के तहत कृषि क्षेत्र को बेहद महंगा किया जा रहा, ताकि किसान कॉर्पोरेटस के सामने आत्म समर्पण कर दे। विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल किसानों समेत सभी वर्गों की बिजली सब्सिडी को छीन लेगा।
आम आदमी पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान और पंजाब के प्रभारी और दिल्ली से विधायक जरनैल सिंह ने प्रस्तावित बिजली संशोधन कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे हमले किए। सांसद भगवंत मान ने मोदी सरकार की ओर से संसद में पेश किए जा रहे बिजली संशोधन बिल 2021 को किसानों और गरीबों पर एक ओर वित्तीय हमला और राज्यों के अधिकारों पर बड़ा डांका बताया है।
भगवंत मान और जरनैल सिंह ने कहा कि एक तरफ देश का अन्नदाता केंद्र के कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस करवाने की मांग करते हुए पिछले 8 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर आंदोलन कर रहा है। दूसरी तरफ बेरहमी और बेशर्मी की सभी हदें पार करते हुए मोदी सरकार किसानों समेत बिजली सब्सिडी का लाभ लेने वाले सभी वर्गों पर वित्तीय हमला करने जा रही है।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2021 यदि लागू हो गया तो कृषि क्षेत्र और गरीबों समेत अन्य को बिजली पर मिलने वाली सभी सब्सिडियां बंद हो जाएंगी। भगवंत मान ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों के साथ 11 चरण की हुई बैठकों के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने भरोसा दिया था कि बिजली संशोधन बिल संसद में पेश नहीं किया जायेगा। बाद में जब सर्वदलीय बैठक के दौरान भगवंत मान ने इस संबंध में सवाल किया तो हैरतअंगेज जवाब मिला कि वह तो किसानों से बातचीत सफल होने की शर्त पर था कि बिजली संशोधन बिल पेश नहीं किया जाएगा।
भगवंत मान ने कहा कि बिजली संशोधन बिल पास होने के बाद बिजली राज्यों के अधिकार का विषय नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सेहत, कृषि और टैक्स (जीएसटी) के बाद अब बिजली के अधिकार पर भी डाका डाला जा रहा है, जो संघीय ढांचे का सरेआम उल्लंघन है।
सांसद ने कहा कि केंद्रीय अनाज भंडार में 40 प्रतिशत हिस्सा देने वाले पंजाब के किसानों को कृषि क्षेत्र के ट्यूबवैलों के लिए मुफ़्त बिजली मिलती है। परंतु नए बिजली संशोधन बिल की शर्तों के अंतर्गत सभी बिजली सब्सिडियां बंद हो जाएंगी। यह गहरी साजिश के अंतर्गत कृषि क्षेत्र को महंगा बनाया जा रहा है। जिससे किसान मजबूर हो कर कॉर्पोरेट घरानों के समक्ष आत्म समर्पण कर दे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों को बदले की भावना के साथ परेशान कर रही है। इसी सिलसिले में हवा प्रदूषण बिल लाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी काले कृषि कानूनों के साथ-साथ बिजली संशोधन बिल और हवा प्रदूषण बिल का संसद से सड़क तक बुलंद आवाज के साथ विरोध जारी रखेगी।