वाराणसी. उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर नामांकन प्रक्रिया में तेज बहादुर की ओर से दिए गए दो हलफनामों में अलग-अलग तथ्यों की जानकारी देने पर बुधवार 1 मई सुबह 11 बजे तक पूरी जानकारी की मांग करते हुए बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र NoC लाने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि पहले तेज बहादुर यादव वाराणसी लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे, जबकि मेयर का चुनाव लड़ चुकी शालिनी यादव को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया था. हालांकि, सपा ने अचनाक बड़ा फैसला करते हुए तेज बहादुर यादव को महागठबंधन से टिकट दे दिया.
सपा का टिकट मिलने से पहले तेज बहादुर यादव बतौर निर्दलीय अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर चुके थे, जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी से अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया. तेज बहादुर यादव ने अपने दोनों हलफनामों में अगल-अलग जानकारी चुनाव आयोग को दी.
जब तेज बहादुर यादव ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा तो उन्होंने हलफनामें में बीएसएफ से बर्खास्तगी की बात कही लेकिन जब सपा की तरफ से नामांकन के दौरान तेज बहादुर यादव ने इस तथ्य को छुपा लिया. जब मामला रिटर्निंग अफसर के संज्ञान में पहुंचा तो तेज बहादुर यादव तो नोटिस जारी कर इसके जवाब की मांग की.
चुनाव आयोग के नोटिस के अनुसार, तेज बहादुर यादव को बुधवार 1 मई सुबह 11 बजे तक जिला कलेक्ट्रेट में जवाब और एनओसी देनी होगी. जिसके बाद उनके नामांकन की वैद्य और अवैध होने की जांच प्रक्रिया होगी. महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव ने इस मामले में कहा है कि सरकार के दबाव में आकर उनके नामांकन को खारिज करने की चालबाजी की जा रही है, जिससे साफ होता है कि हमारे देश के अंदर हिटलरशाही है.
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