रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ने की वजह से उनको इलाज के लिए चेन्नई जाना पड़ा. सोमवार की शाम यानी 13 मार्च को शिक्षा मंत्री को एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया. जिस समय उनकी तबीयत बिगड़ी उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था और वे उसमें हिस्सा ले […]
रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ने की वजह से उनको इलाज के लिए चेन्नई जाना पड़ा. सोमवार की शाम यानी 13 मार्च को शिक्षा मंत्री को एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया. जिस समय उनकी तबीयत बिगड़ी उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था और वे उसमें हिस्सा ले रहे थे. शिक्षा मंत्री को आनन-फानन में रांची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
चेन्नई उनके साथ डॉक्टर की टीम और बेटा भी गया है. चेन्नई जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने अस्पताल जाकर उनका हाल चाल लिया. सीएम के साथ उनका हाल-चाल लेने के लिए कई मंत्री और विधायक भी अस्पताल पहुंचे थे. शिक्षा मंत्री की तबीयत कोरोना काल में भी खराब हुई थी जो काफी लंबे समय तक बीमार थे. उस समय भी उनका इलाज चेन्नई के अस्पताल में 8 महीने तक चला था. कोरोना काल की पहली लहर में उनके फेफड़े में संक्रमण फैल गया था.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना काल की पहली लहर में भी संक्रमित हुए थे और उनके फेफड़ों में संक्रमण फैल गया था. उन्हें झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. रांची में उनका इलाज करीब 20 दिन तक चला था और उसके बाद उनके चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां पर उनका लंग्स ट्रांसप्लांट करवाया गया था. एक महीने तक उनका इलाज चेन्नई में चला था उसके बाद वे रांची लौटे थे.
अस्पताल में ही वे क्षेत्र की समस्या फोन पर सुनते थे और अधिकारियों को निर्देश देते रहते थे. जब उनसे पत्रकारों ने इंटरमीडिएट में एडमिशन का दौर याद दिलाया तो उन्होंने कहा कि 12वीं पास करने के ही उद्देश्य से ही उन्होंने दाखिला लिया था. लेकिन अचानत तबीयत बिगड़ने से पूरा साल बर्बाद हो गया.
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