पटना: धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर अपने बयान को सही ठहराया है. दरअसल शिक्षा मंत्री ने इस बार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान रामचरितमानस का मुद्दा उठाया है. बता दें, इस समय बिहार का बजट सत्र चल रहा है जिसके दौरान शिक्षा […]
पटना: धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर अपने बयान को सही ठहराया है. दरअसल शिक्षा मंत्री ने इस बार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान रामचरितमानस का मुद्दा उठाया है. बता दें, इस समय बिहार का बजट सत्र चल रहा है जिसके दौरान शिक्षा विभाग के बजट पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस का मुद्दा उठा लिया. वह धार्मिक ग्रंथ की मनु स्मृति की प्रति को लेकर सदन पहुंचे. इस दौरान विवाद काफी बढ़ गया और विपक्ष के साथ-साथ जदयू विधायकों ने भी शिक्षा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल शिक्षा विभाग के बजट पर सदन में चर्चा हो रही थी. इस दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर विधानसभा में बोल रहे थे. इसी बीच उन्होंने रामचरितमानस को लेकर अलग-अलग तरीके से व्याख्या करनी शुरू कर दी. इसमें वह ताड़ना का अर्थ समझाने लगे. इसके बाद जब बीजेपी विधायकों ने विरोध शुरू किया तो भी वह नहीं रुके. जहां भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया और बाहर जमकर हमला बोला। हैरानी की बात ये है कि जेडीयू नेता भी शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध करने लगे.जेडीयू के विधायक संजीव सिंह और विधायक विजय निषाद ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ नाराज़गी भी व्यक्ति की है. इस दौरान डॉ संजीव ने मंत्री चन्द्रशेखर को मानसिक रूप से बीमार बताया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के प्रोफेसर होने पर भी सवाल उठाए.
उनेक शब्दों में ‘आज तक उनको सैलरी तक नहीं मिली है वह किस तरह के प्रोफेसर हैं. उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें इलाज कराने की जरूरत है. जेडीयू विधायक आगे कहते हैं प्रोफेसर चंद्र शेखर जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं यदि उनकी हिम्मत है तो हिंदू के अलावा किसी अन्य धर्म के ग्रंथों के बारे में सवाल करें. उनका चलना तक दुर्लभ हो जाएगा.
बता दें, बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक रामचरितमानस पर बवाल जारी है. जहां उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता रामचरितमानस पर बवाली बयान दे चुके हैं. इसी कड़ी में बिहार विधानसभा में भी बवाल देखने को मिला.
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