नोएडा, नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को सुरक्षित रूप से ध्वस्त कर दिया गया है. इस विस्फोट के बाद चंद सेकेंड में यह गगनचुंबी इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई, इमारत गिरने के कुछ ही सेकंड्स में यह घटना भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल […]
नोएडा, नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को सुरक्षित रूप से ध्वस्त कर दिया गया है. इस विस्फोट के बाद चंद सेकेंड में यह गगनचुंबी इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई, इमारत गिरने के कुछ ही सेकंड्स में यह घटना भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल हो गई है. इन टावर को गिराने में कई इंजीनियरों ने अहम रोल निभाया, जिसमें एक नाम मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी चेतन दत्ता का भी है, दत्ता ने ही बटन दबाया जिसके बाद ये दोनों इमारतें ध्वस्त हो गई. उन्होंने टावर गिरने के बाद अपना अनुभव साझा किया है और कहा कि यह काम सौ प्रतिशत सफल हुआ है.
ट्विन टावर गिरने के बाद चेतना दत्ता अपनी टीम के चार अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर गए और राहत और खुशी के साथ रोने लगे. पूरी बिल्डिंग को गिराने में 9-10 सेकेंड का समय लगा, उन्होंने कहा- “मेरी टीम में 10 लोग थे, जिसमें 7 विदेशी स्पेशलिस्ट शामिल हैं. इसके अलावा 20-25 लोग एडिफिस इंजीनियरिंग की टीम के थे.’ दत्ता ने कहा कि विध्वंस के लिए वॉर्निंग सायरन बजने के बाद उन्होंने और उनकी टीम के सदस्यों ने एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं कहा था, सन्नाटा छाया हुआ था.
उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने बटन दबाने के ठीक बाद नीचे आने वाले ट्विन टावर पर एक नजर डालने के लिए अपना सिर उठाया, तब तक सब कुछ धराशायी हो गया था तो मैंने और मेरी टीम ने धूल और धुएं के बादल के जमने का इंतजार नहीं किया. हम एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के पास के हाउसिंग सोसाइटियों की जांच के लिए विध्वंस स्थल पर तुरंत पहुंचे.’ दत्ता ने कहा कि विध्वंस योजना भविष्यवाणी और योजना के अनुसार ही हुई और यह 100 विध्वंस प्रतिशत सफल रहा.
Twin Tower: 9 सेकेंड में मलबे का ढेर बन गया ‘ट्विन टावर’, 3700 किलोग्राम विस्फोटकों ने किया जमींदोज