तरुणी गांधी ED raids Punjab CM Channi’s Nephew: चंडीगढ. ED raids Punjab CM Channi’s Nephew: इसे चुनावी नौटंकी कहें, राजनीतिक प्रतिशोध या कानूनी कार्रवाई, पंजाब में ईडी की तलाशी ने सोशल मीडिया को तर्कों और सवालों से भर दिया है। कई ट्विटर हैंडल ईडी के इस सर्च की तुलना बिक्रम सिंह मजीठिया मामले से कर […]
चंडीगढ. ED raids Punjab CM Channi’s Nephew: इसे चुनावी नौटंकी कहें, राजनीतिक प्रतिशोध या कानूनी कार्रवाई, पंजाब में ईडी की तलाशी ने सोशल मीडिया को तर्कों और सवालों से भर दिया है। कई ट्विटर हैंडल ईडी के इस सर्च की तुलना बिक्रम सिंह मजीठिया मामले से कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर मजीठिया की प्राथमिकी कानूनी कार्रवाई थी तो सीएम चन्नी के भतीजे पर ईडी का छापा कैसे राजनीतिक प्रतिशोध है।
प्रवर्तन निदेशालय ने चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के आवास समेत पंजाब में 10 जगहों पर छापेमारी की। इस पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि तलाशी “दबाव की रणनीति… पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के साथ जो हुआ उसे दोहराने की कोशिश है”।
पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को अवैध रेत खनन मामले में लुधियाना, मोहाली और पठानकोट जिलों में 10 स्थानों पर छापेमारी की। जिन जगहों की तलाशी ली गई उनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे का मोहाली आवास भी शामिल है।
कांग्रेस नेता और पंजाब चुनाव की मीडिया समन्वयक, अलका लांबा ने ट्वीट किया, “चुनाव के दौरान सीबीआई, ईडी और आईटी छापे भाजपा सरकार का उपकरण बन जाते हैं। 1. चुनाव से ठीक 2 दिन पहले डीएमके प्रमुख एम.के.स्टालिन की बेटी पर आईटी छापा; 2. चुनाव से ठीक एक महीने पहले अभिषेक बनर्जी पर सीबीआई का छापा। 3. चुनाव से ठीक पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर ईडी का छापा।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा के चुनावी हथकंडों से नहीं डरेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा सदमे में है। पंजाब की जनता उन्हें चुनाव में करारा जवाब देगी।’
ईडी मुख्य आरोपी कुदरत दीप सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा 2018 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत धन शोधन के एक मामले की जांच कर रहा है, जो शहीद भगत सिंह नगर जिले के नवांशहर में एक खदान का मालिक है।
पता चला है कि कुदरत दीप सिंह की दो कंपनियां थीं। कंपनियों के निदेशक भूपिंदर सिंह हनी, चन्नी के भतीजे और संदीप सिंह थे। ये छापे कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच प्रक्रिया का हिस्सा है।
अवैध बालू खनन का मामला शुरू में पंजाब पुलिस द्वारा नवांशहर के राहों पुलिस थाने में खनन अधिकारी की शिकायत पर खान और खनिज (विकास नियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) और 4(1) के तहत दर्ज किया गया था। और भारतीय दंड संहिता की धारा 379, 420, 465, 467, 468 और 471 के तहत। इस मामले में 26 आरोपी थे, जिनमें ज्यादातर ट्रक ड्राइवर थे।
प्राथमिकी के अनुसार, पुलिस ने रेत से भरे 30 टिपर ट्रकों को रोका था, जिनमें से अधिकांश ऐसे क्षेत्र से लिए गए थे जो खनन के लिए चिह्नित नहीं थे। कई प्रकार की मशीनरी भी बरामद की गई, जिनका उपयोग स्थल पर खनन के लिए नहीं किया जाना था।
पुलिस की प्राथमिकी के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी थी।