नई दिल्ली: इस समय दिल्ली सरकार के दो बड़े मंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हिरासत में हैं. इसी कड़ी में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष उनसे पहले ही उनकी सरकार के […]
नई दिल्ली: इस समय दिल्ली सरकार के दो बड़े मंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हिरासत में हैं. इसी कड़ी में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष उनसे पहले ही उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहता था. लेकिन उन्हें पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल नहीं हुआ इसलिए वह अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाए.
आगे सीएम केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि CBI और ED की छापेमारी की धमकी का 25 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश का आम आदमी पार्टी के विधायकों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. इसलिए भाजपा अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाई. सीएम केजरीवाल ने विपक्ष पर धावा बोलते हुए कहा कि “सदन में विपक्ष की सारी सीटें खाली हैं हम विश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं, वह चाहे तो आकर बोल सकते हैं, मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन मंत्री परिषद पर विश्वास व्यक्त करता है। केजरीवाल ने कहा कि हम आलोचना सुनना चाहते हैं, भाजपा वाले आएं और विधानसभा में बोलें। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के 20 प्रतिशत सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं यानी 14 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत है।”
आगे सीएम ने दावा किया कि विपक्षी दल 14 विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर पाया है.
बता दें कि, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन बाद में उसने अपने हाथ खींच लिए। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 1/5 विधायक यानी 14 विधायकों की जरूरत होती है, लेकिन सदन में भाजपा के पास इतने विधायक ही नहीं हैं। हालांकि, बीजेपी ने नियम-55 के तहत विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
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