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दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की टॉप 10 लिस्ट में शामिल हुए दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नईः सर्वे

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) के सर्वे में भारत के तीन शहर दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की टॉप 10 लिस्ट में शामिल हो गए हैं. इस सर्वे में सिंगापुर को दुनिया का सबसे महंगा शहर बताया गया है.

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  • March 15, 2018 7:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः भारत के तीन शहरों दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई दुनिया के टॉप 10 सबसे सस्ते शहरों की फेहरिस्त में शुमार हो गए हैं. इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. वहीं इस सर्वे में सिंगापुर को दुनिया का सबसे महंगा शहर बताया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण एशियाई शहरों पर किए गए वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग 2018 के सर्वे में भारत और पाकिस्तान दोनों ही समान रूप से ‘वैल्यू फॉर मनी’ वाले देश बताए गए हैं.

ईआईयू के सर्वे में बेंगलुरु, चेन्नई, कराची और नई दिल्ली जैसे 10 शहरों को सबसे सस्ते शहरों (खासकर घूमने के लिहाज से) के रूप में दर्शाया गया है. सीरिया की राजधानी दमिश्क दुनिया का सबसे सस्ता शहर बताया गया है. वेनेजुएला की राजधानी कराकस दूसरे और कजाकिस्तान का व्यापारिक केंद्र अलमाटी इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. दुनिया के 10 सबसे सस्ते शहरों में लागोस चौथे स्थान पर, बेंगलुरु पांचवें स्थान, कराची छठे, अल्जीयर्स सातवें, चेन्नई आठवें, बुचारेस्ट नौवें और नई दिल्ली 10वें स्थान पर है.

महंगे शहरों की बात करें तो पिछले 5 साल से सिंगापुर दुनिया का सबसे महंगा शहर बना हुआ है. दूसरे नंबर पर पेरिस, तीसरे पर ज्यूरिक और चौथे पर हांगकांग है. महंगे शहरों की फेहरिस्त में ओस्लो पांचवें, जेनेवा छठे, सियोल सातवें, कोपेनहेगन आठवें, टेल अवीव नौवें और सिडनी 10वें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि भारत एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में जरूर उभर रहा है लेकिन इसके बावजूद सैलरी और खर्च करने के मामले में यहां की ग्रोथ अब भी काफी कम है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आय में असमानता इसका एक महत्वपूर्ण कारण है. देश में आज भी घर खर्च चलाने के लिए यहां लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

पश्चिमी देशों की तुलना में यहां कम दर पर ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी इलाकों में खाद्यान्नों और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति, कुछ सामानों पर सरकारी सब्सिडी भी वस्तुओं के दाम बढ़ने से रोकती है. भारतीय उपमहाद्वीप ढांचागत रूप से काफी सस्ता है. यहां स्थायी तौर पर रहन-सहन और भरण-पोषण भी अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इसका मतलब यह भी है कि दुनिया के कुछ अन्य देशों की तुलना में यहां जोखिम भी ज्यादा होते हैं.

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https://youtu.be/EhQg1Ff0hZg

 

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