जयपुर. राज्यपाल कल्याण सिंह के भाजपा का कार्यकर्ता होने, बीजेपी को जिताने और नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने की बात सार्वजनिक रूप से कहने से विवाद मच गया है. खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्वाचन आयोग का ध्यान इस ओर खींचा. आयोग की बैठक में भी इस बात पर सहमति बनी कि सिंह के बयान से आचार संहिता की भावना को धक्का लगा है.
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बयान की शिकायत चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को भेजी है. निर्वाचन आयोग ने इस बाबत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सोमवार रात पत्र लिखा. देर शाम आयोग की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजी गई. चिट्ठी में कल्याण सिंह के बयान और आचार संहिता के पालन पर उसके असर का विस्तार से ब्यौरा है. राज्यपाल के पद की गरिमा के मुताबिक आयोग ने इस मामले में राष्ट्रपति से ही समुचित संज्ञान लेने की अपील की गई है.
पिछले हफ्ते कल्याण सिंह ने अपने एक बयान से विवाद उत्पन्न कर दिया था. उन्होंने 23 मार्च को अलीगढ़ में मीडिया के सामने कहा था कि हर कोई चाहता है नरेंद्र मोदी जीतें और ये देश के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा था कि हम सभी लोग भाजपा के कार्यकर्ता है औऱ इस नाते से हम जरूर चाहेंगे की भाजपा विजयी हो. सब चाहेंगे एक बार फिर से केंद्र में मोदी जी प्रधानमंत्री बनें. मोदी जी का प्रधानमंत्री बनना ये देश के लिए आवश्यक है, समाज के लिए आवश्यक है.
विपक्ष ने कहा कि राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह का बयान देना अनुचित है. उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया. इसके बाद शिकायत चुनाव आयोग को दी गई. शिकायत मिलते ही जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह से इस बारे में मौखिक जानकारी मांगी गई. जांच के बाद चुनाव आयोग ने भी इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना.
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