दिसपुर: असम के गुवाहाटी में आज सुबह लोग सो रहे थे तभी भूकंप के जोरदार झटके उन्हें महसूस हुए. सुबह करीब 5 बजकर 42 मिनट पर गुवाहाटी में भूकंप के तेज झटके आए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई. हालांकि भूकंप के इन झटकों से किसी तरह […]
दिसपुर: असम के गुवाहाटी में आज सुबह लोग सो रहे थे तभी भूकंप के जोरदार झटके उन्हें महसूस हुए. सुबह करीब 5 बजकर 42 मिनट पर गुवाहाटी में भूकंप के तेज झटके आए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई. हालांकि भूकंप के इन झटकों से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन सुबह-सुबह इन झटकों से लोग सहमे हुए हैं. भूकंप के मामलों में पिछले महीनों से तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
भूकंप के आने का कारण धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है. धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेटें जब आपस में टकराती हैं तो फॉल्ट लाइन जोन वहां बन जाता है और इसके चलते सतह के कोने मुड़ जाते हैं. सतह के कोने मुड़ने के कारण वहां दबाव बनता है जिससे प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से भीतर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और इसी के कारण धरती हिलती है जिसे हम भूकंप मानते हैं।
बता दें कि 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है जो महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8 हजार भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है जो प्रतिदिन एक हजार भूकंप आते हैं और यह सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते. 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप को वेरी लाइट कैटेगरी में रखा जाता है जो एक साल में 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप को लाइट कैटेगरी में रखा जाता है जो एक साल में करीब 6,200 बार दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों से घर के सामान हिलते नजर आते हैं।
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