नई दिल्ली: नोएडा के स्कूलों में धांधली का आरोप लगा है। दावा किया जा रहा है कि कई परिवार फ्री शिक्षा के लिए फर्जी कागजात दिखाकर बच्चों का दाखिला करवा लेते हैं। दरअसल, सरकार के राइट टू एजुकेशन कानून (Right to Education Act) के तहत गरीब बच्चों को शहर के महंगे प्राइवेट स्कूलों में आसानी […]
नई दिल्ली: नोएडा के स्कूलों में धांधली का आरोप लगा है। दावा किया जा रहा है कि कई परिवार फ्री शिक्षा के लिए फर्जी कागजात दिखाकर बच्चों का दाखिला करवा लेते हैं। दरअसल, सरकार के राइट टू एजुकेशन कानून (Right to Education Act) के तहत गरीब बच्चों को शहर के महंगे प्राइवेट स्कूलों में आसानी से दाखिला दिया जाता है जिससे कि वे मुफ्त में पढ़ाई करते हैं। लेकिन इसी बीच ऐसी शिकायतें आती हैं कि लाखों रुपए कमाने वाले भी अपने बच्चों का दाखिला गरीब कोटे से करा लेते हैं।
नोएडा के कई स्कूलों ने कथित तौर पर बेसिक एजुकेशन ऑफिसर के पास मामले की शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें बताया गया कि उनके स्कूल में कुछ लोगों के बच्चे RTE के तहत पढाई करते हैं जब एडमिशन हो जाता हैं, तब जाकर पता चलता है कि उनके पास बैंक खाते में एक अच्छी राशि जमा है। स्कूलों ने शिकायत में भी ऐलान किया कि कुछ बच्चों के मां-बाप ने 5 से 10 लाख रुपये की ITR रिटर्न फाइल कर रखा है। अधिकारी को अभी तक कुल 15 अभिभावकों की शिकायतें मिल चुकी हैं।
साल 2009 के RTE कानून के अनुसार, सभी निजी स्कूलों में 25% जगह गरीब बच्चों के लिए रिज़र्व होती हैं। उन लोगों के लिए जो प्राइवेट स्कूल की फीस नहीं दे सकते। कानून के तहत प्रवेश के लिए सबसे जरूरी शर्त यह है कि बच्चे के पिता की सालाना कमाई एक लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। अस्पताल में भर्ती होने के समय माता-पिता को बच्चे के दस्तावेज के साथ अपना इनकम का सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा।
दावा किया जाता है कि लोग फर्जी इनकम सर्टिफिकेट जारी कर अपने बच्चों का दाखिला करा देते हैं।शिकायत के साथ ही सभी स्कूल जांच के दायरे में हैं। गौतमबुद्धनगर में इस साल 5000 से ज्यादा बच्चों के एप्लीकेशन गरीब कोटे से आए है। इनमें से 500 से 700 एप्लीकेशन खारिज कर दिए गए।