Dwarka Expressway Project: अरविंद केजरीवाल ने की दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को पद से हटाने की मांग, LG को भेजी आतिशी की रिपोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे भूमि अधिग्रहण में भ्रष्टाचार को लेकर सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG विनय कुमार सक्सेना पास कार्रवाई करने के लिए भेज दी है। सीएम ने उपराज्यपाल से दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से […]

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Dwarka Expressway Project: अरविंद केजरीवाल ने की दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को पद से हटाने की मांग, LG को भेजी आतिशी की रिपोर्ट

Arpit Shukla

  • November 15, 2023 11:41 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे भूमि अधिग्रहण में भ्रष्टाचार को लेकर सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG विनय कुमार सक्सेना पास कार्रवाई करने के लिए भेज दी है। सीएम ने उपराज्यपाल से दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से पद से बर्खास्त करने की मांग की है।

CBI-ED को भी रिपोर्ट भेजें LG

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने द्वारका एक्सप्रेसवे भूमि अधिग्रहण मामले में हुई अनियमितता को लेकर सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। बता दें कि मंगलवार को आतिशी ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस पर आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को एलजी विनय सक्सेना के पास भेज दी है। उन्होंने उपराज्यपाल से अपील की है कि आतिशी की इस रिपोर्ट को CBI और ED को भी भेजा जाए। साथ ही इस मामले की जांच भी होनी चाहिए।

850 करोड़ का फायदा पहुंचाने का आरोप

बता दें कि मंगलवार को दिल्ली सरकार में सतर्कता मंत्री आतिशी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 650 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट भेजी थी। आतिशी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण में बरती गई अनियमितताओं की शुरुआती जांच में पाया है कि दिल्ली चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज लाभ पहुंचाया।

आरोप है कि चीफ सेक्रेटरी के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास साल 2015 में यह जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी। अब महंगे दाम पर उसी जमीन का भूमि अधिग्रहण द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए किया गया है। इस तरह से मुख्य सचिव के बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।

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