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मजदूर ने 40 लाख की इनकम पर भरा आयकर रिटर्न, जांच में निकला ‘ड्रग डीलर’

बेंगलुरु में एक मजदूर ने 40 लाख रुपये की सालाना आय पर इनकम टैक्स रिटर्न भरा. सकते में आए आयकर विभाग के अधिकारियों ने उसकी निगरानी की तो जांच में पता चला कि खुद को पेशे से मजदूर बताने वाला शख्स असलियत में एक ड्रग डीलर है. पुलिस ने ड्रग तस्कर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 26 किलो गांजा, एक लग्जरी कार और 5 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं.

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Drug Peddler IT Return
  • January 30, 2018 4:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

बेंगलुरुः आयकर विभाग हमेशा लोगों को टैक्स भरने के लिए प्रेरित करता है. आयकर विभाग द्वारा प्रेरित होकर बेंगलुरु में एक व्यक्ति को टैक्स भरना महंगा पड़ गया. दरअसल टैक्स भरने वाला शख्स मजदूर था और टैक्स भरते समय उसने अपनी सालाना आय 40 लाख रुपये बताई, मगर विभाग को उसने अपनी कमाई का सोर्स नहीं बताया. विभाग को शक होने पर आयकर अधिकारियों ने मजदूर पर नजर रखी और जांच में पता चला कि खुद को पेशे से मजदूर बताने वाला शख्स असलियत में एक ड्रग डीलर है. आरोपी डीलर समेत पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

आरोपी ड्रग डीलर का नाम रचप्पा रंगा (34) है. चमाराजनगर का रहने वाला रचप्पा करीब 12 साल पहले बेंगलुरु आया था. यहां वह कनकपुरा रोड पर रह रहा था. मिली जानकारी के अनुसार, रचप्पा ने साल आईटी-रिटर्न फाइल करते समय 2017-18 की अपनी सालाना आय 40 लाख रुपये बताई थी. इस आय को अर्जित करने के लिए उसने कोई स्त्रोत नहीं बताया था. जिसके बाद से वह आयकर अधिकारियों के रडार पर था. आयकर अधिकारियों ने पुलिस से भी रचप्पा पर नजर रखने के लिए मदद मांगी.

आयकर अधिकारियों ने रचप्पा को पूछताछ के लिए बुलाया क्योंकि उसने रिटर्न फाइल करते समय अपनी आय का स्त्रोत नहीं लिखा था. वकीलों की सलाह पर उसने खुद को बतौर क्लास-1 ठेकेदार रजिस्टर कराया लेकिन फिर भी वह आयकर विभाग के चंगुल से बच न सका. पुलिस ने रचप्पा और उसके एक साथी श्रीनिवास (47) को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान पुलिस ने रचप्पा के घर से 26 किलो गांजा, एक लग्जरी कार और 5 लाख रुपये नकद जब्त कर लिए. मिली जानकारी के अनुसार, रचप्पा हर रोज करीब 30 किलो गांजा बेचा करता था. वह एक किलो गांजे को करीब 35 हजार रुपये में बेचता था.

पुलिस जांच में यह भी पता चला कि रचप्पा साल 2013 तक मजदूरी करता था. जल्द अमीर बनने की चाहत में वह ड्रग्स तस्करी के रैकेट में शामिल हो गया. वह खुद युवाओं को इस रैकेट में शामिल करता था. ड्रग्स स्मगलिंग के धंधे में उसने करोड़ों रुपये बनाए और अपने गांव के आसपास कई प्रॉपर्टी भी खरीदी. इतना ही नहीं, कनकपुरा रोड स्थित एक विला को उसने किराये पर लिया हुआ था, जिसके लिए वह हर माह 40 हजार रुपये देता था. फिलहाल पुलिस रचप्पा और उसके साथी को गिरफ्तार कर आगे की कार्यवाही कर रही है.

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