छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें डीआरजी के जवान बिरेंद्र कुमार सोरी शहीद हो गए।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें डीआरजी के जवान बिरेंद्र कुमार सोरी शहीद हो गए। मुठभेड़ बुधवार को अबूझमाड़ के सोनपुर और कोहकामेटा पुलिस थानों के सीमावर्ती इलाके में हुई। इस घटना की पुष्टि बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने की है।
जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों की टीम क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के लिए रवाना हुई थी। अभियान के दौरान नक्सलियों के साथ रुक-रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए 36 वर्षीय बिरेंद्र सोरी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
बिरेंद्र कुमार सोरी कांकेर जिले के नरहरपुर के निवासी थे। उन्होंने 2010 में नारायणपुर जिला पुलिस बल में आरक्षक के तौर पर सेवाएं शुरू की थीं। नक्सल ऑपरेशन में उनकी वीरता को देखते हुए 2018 में उन्हें प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोशन दिया गया था। उनकी शहादत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में नक्सलवाद पर समीक्षा बैठक के दौरान इस संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण को बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता अभियान तेज कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की बात कही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के लोग अब नक्सलवाद से मुक्त होकर विकास की ओर बढ़ना चाहते हैं, जिसकी झलक हाल ही में बस्तर ओलंपिक में देखने को मिली।
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