मुंबई : भारत के किसान जीडीपी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है. कोरोना काल में जब पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी तब किसान ही अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था. किसान खेती करते है लेकिन उसका सही मूल्य उनको नहीं मिल पाता है. इसी को लेकर किसान हर राज्य में समय-समय पर प्रदर्शन […]
मुंबई : भारत के किसान जीडीपी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है. कोरोना काल में जब पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी तब किसान ही अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था. किसान खेती करते है लेकिन उसका सही मूल्य उनको नहीं मिल पाता है. इसी को लेकर किसान हर राज्य में समय-समय पर प्रदर्शन करते रहते है.
नासिक से किसान मुंबई के लिए निकल गए है. करीब दस हजार किसान मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन करने जा रहे है. बीते सोमवार को किसान मुंबई के लिए निकल गए है. आज किसानों का मार्च कसारा घाट से गुजरा. ड्रोन से देखने पर ऐसा लगा रहा है मानो सड़क पर सड़क पर ड्रैगन चल रहा हो. किसानों की मांग है कि प्याज पर एमएसपी दी जाए और कर्जमाफी हो. किसान हर रोज 25 किलोमीटर की यात्रा करते है और रास्ते भर अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते है. मुंबई से अब किसान सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है. किसानों और सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है.
इस यात्रा में जो भी किसान शामिल हैं वे सभी अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले नासिक में इकट्ठा हुए है. महाराष्ट्र के किसान अपनी मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन करते रहते है. 2018 के बाद से नासिक में इस तरह का तीसरा प्रदर्शन है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बातचीत के लिए आयोजकों को आमंत्रित किया है. लेकिन किसानों ने इनकी बात नहीं मानी और म्हसरूल से मुंबई के लिए अपनी लंबी पैदल यात्रा शुरू कर दी.
अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र ईकाई के महासचिव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का इरादा किसानों को राहत देने का नहीं है. जब भी प्याज को दाम गिरते है तो सरकार हमको आश्वासन देती है लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं करती. महासचिव ने कहा कि हम यात्रा जारी रखेंगे और 20 मार्च तक मुंबई पहुंच जाएगे.
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