जम्मू। घाटी में प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है. इन्होंने 2 महिलाओं के डूबने के मामले को रेप बताया था. साल 2009 में दुर्घटनावश आसिया और निलोफर नाम की दो महिलाओं की डूबने से मौत हो गई थी. जम्मू-कश्मीर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने डॉक्टर्स बर्खास्तगी की […]
जम्मू। घाटी में प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है. इन्होंने 2 महिलाओं के डूबने के मामले को रेप बताया था. साल 2009 में दुर्घटनावश आसिया और निलोफर नाम की दो महिलाओं की डूबने से मौत हो गई थी. जम्मू-कश्मीर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने डॉक्टर्स बर्खास्तगी की पुष्टि की है. डॉ. बिलाल दलाल औ डॉ. निगहर शाहीन चिल्लू को बर्खास्त कर दिया गया है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए कथित तौर पर पाकिस्तान के साथ सहयोग करने और साल 2009 में शोपियां बलात्कार मामले में झूठा सबूत गढ़ने के आरोप में 2 डॉक्टर्स को बर्खास्त कर दिया है. दरअसल डॉ. बिलाल दलाल औ डॉ. निगहर शाहीन चिल्लू ने गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाकर लोगों को सुरक्षाबलों के खिलाफ उकसाने का काम किया था.
गौरतलब है कि 30 मई 2009 के दिन शोपियां में दो महिलाओं आसिया जान और नीलोफर की लाशें नदी में मिली थी. ये दोनों महिलाएं ननद भौजाई थी. कथित रूप से ये अपने बगीचे से लापता हो गई थीं. इसके बाद सुरक्षाबलों पर बालात्कार करके हत्या करने का आरोप लगा था.
इस घटना को लेकर घाटी में भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन होने लगे थे. इस मामले को लेकर करीब 40 दिनों तक कश्मीर ठप पड़ा रहा. बाद में सीबीआई ने इस केस को अपने हाथो में लिया और पता चला कि महिलाओं के साथ बलात्कार या हत्या नहीं हुई थी. सीबीआई ने 14 दिसंबर साल 2009 में यह बात जम्मू हाईकोर्ट में रखी, जिसमें बताया गया कि डॉक्टर्स ने अपने हिसाब से सबूत गढ़े और तोड़-मरोड़कर पेश किया.
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