नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के करीब तीन महीने बाद, शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे सीबीआई की जांच से नाखुश हैं। डॉक्टरों ने नए सिरे से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है।
फोरम के प्रवक्ता देबाशीष हलदर ने आरजी कर अस्पताल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम 9 नवंबर को कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों के साथ एक रैली निकालेंगे। पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह की रैलियां आयोजित की जाएंगी।”
मृतक के लिए न्याय की मांग करते हुए 9 नवंबर को एस्प्लेनेड क्षेत्र में रानी रासमोनी एवेन्यू पर एक सामूहिक सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। हलदर ने कहा, “हम 4 नवंबर को बंगाल के हर इलाके में दीये जलाने का आह्वान भी कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों को मीडिया रिपोर्ट्स से लगा कि सीबीआई के आरोपपत्र में “अन्य अपराधियों” की भूमिका का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया गया है। अपराध में सीधे तौर पर शामिल केवल एक व्यक्ति का नाम है। हलदर ने पूछा, “क्या संदीप घोष सहित अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की भूमिका की पूरी तरह से जांच की गई है?”
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन की फिर से आलोचना की। तृणमूल के वरिष्ठ सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने दावा किया कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन दिशाहीन है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि आंदोलन को माकपा ने हाईजैक कर लिया है, क्योंकि जूनियर डॉक्टरों के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं है।” उन्होंने कहा कि सीबीआई आरजी कर घटना की जांच कर रही है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने पूछा, “आम आदमी को असुविधा पहुंचाने के लिए एक के बाद एक कार्यक्रम आयोजित करने का क्या मतलब है?”
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