तलाक लेना पति की जेब पर पड़ा भारी, चुकानी होगी हर महीने मोटी रकम

तलाक की कार्यवाही के दौरान पत्नी को अपना लाइफस्टाइल बनाए रखने का अधिकार है. बेंच ने कहा कि पत्नी शादी के कारण बेरोजगार हुई हैं और इस स्थिति में उन्हें तलाक की प्रक्रिया के दौरान उचित मेंटेनेंस मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और पति को 1.75 लाख रुपये प्रति माह मेंटेनेंस देने का आदेश दिया.

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तलाक लेना पति की जेब पर पड़ा भारी, चुकानी होगी हर महीने मोटी रकम

Yashika Jandwani

  • November 20, 2024 8:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि तलाक की कार्यवाही के दौरान पत्नी को अपना लाइफस्टाइल बनाए रखने का अधिकार है, जो उसकी शादीशुदा जिंदगी में था। अदालत ने पति को निर्देश दिया है कि वह पत्नी को हर महीने 1.75 लाख रुपये मेंटेनेंस के तौर पर देंगे। यह फैसला जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की बेंच ने सुनाया।

बेंच ने कहा कि पत्नी शादी के कारण बेरोजगार हुई हैं और इस स्थिति में उन्हें तलाक की प्रक्रिया के दौरान उचित मेंटेनेंस मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पति को हर महीने 1.75 लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया।

क्यों ले रहे तलाक

2008 में शादी करने वाले इस जोड़े के बीच तलाक की कार्यवाही 2019 में शुरू हुई थी। पति ने तलाक के लिए आपसी मतभेद और विवाद का हवाला दिया। इसके बाद पत्नी ने अपने मेंटेनेंस के लिए हर महीने 2.50 लाख रुपये की मांग की थी। उन्होंने बताया कि उनके पति डॉक्टर हैं और प्रॉपर्टी किराए पर देने के अलावा बिज़नेस से पैसे कमाता है. इसके बाद फैमिली कोर्ट ने पत्नी की दलीलों को स्वीकार करते हुए पति को 1.75 लाख रुपये प्रति माह मेंटेनेंस देने का आदेश दिया था। हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने इस राशि को घटाकर 80,000 रुपये कर दिया था ।

सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय

वहीं ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और कहा कि पति की आय के कई स्रोत हैं। कोर्ट ने बताया कि पति डॉक्टर के तौर पर 1.25 लाख रुपये कमाते हैं और किराए की प्रॉपर्टी के से भी उन्हें पैसे मिलते है. इस फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि तलाक की कार्यवाही के दौरान पत्नी को अपना लाइफस्टाइल को बनाए रखने का हक है।

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