बड़े और छोटे शहरों में ओयो के रूम्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कंपनी ने अपनी चेक-इन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. बता दें अब अनमैरिड कपल्स को ओयो होटलों में चेक-इन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नई दिल्ली: भारत में 2013 में शुरू हुए ओयो होटल्स ने कम समय में देशभर में अपनी पहचान बनाई। बड़े और छोटे शहरों में ओयो के रूम्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कंपनी ने अपनी चेक-इन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। बता दें अब अनमैरिड कपल्स को ओयो होटलों में चेक-इन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नई पॉलिसी की शुरुआत फिलहाल मेरठ से की गई है और जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
ओयो नॉर्थ इंडिया के रिजनल हेड पावस शर्मा ने इस बदलाव के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि कंपनी का उद्देश्य सुरक्षित और जिम्मेदार हॉस्पिटैलिटी उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि ओयो जिन क्षेत्रों में काम करता है, वहां के स्थानीय कानूनों और सामाजिक संवेदनाओं का सम्मान करना कंपनी की प्राथमिकता है। पावस शर्मा ने कहा, “यह पॉलिसी हमार ब्रांड की छवि को मजबूत करने और खुद को एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करने का प्रयास है, जो परिवारों, छात्रों, बिजनेस ट्रैवलर्स और धार्मिक यात्रियों के लिए सुरक्षित अनुभव प्रदान करता है।”
ओयो ने यह कदम मेरठ में सिविल सोसाइटी ग्रुप्स और अन्य संगठनों के दबाव के चलते उठाया है। इन समूहों ने अनमैरिड कपल्स के चेक-इन पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा, अन्य शहरों से भी ऐसी ही याचिकाएं दायर की गई हैं।
कंपनी ने बताया कि यह पहल ओयो की पुरानी धारणा को बदलने और ग्राहकों का लंबे समय तक भरोसा जीतने के उद्देश्य से की गई है। साथ ही ओयो ने असामाजिक गतिविधियों में शामिल होटलों को ब्लैकलिस्ट करने और बिना अनुमति ओयो ब्रांडिंग का इस्तेमाल करने वाले होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। वहीं अब देखना होगा कि इन नए नियमों का होटल पर कितना सर पड़ता है और अन्य शहरों में इन नियमों को कब तक लाया जाएगा।
ये भी पढ़ें: हिमाचल जाना अब होगा और भी आसान, इन शहरों से मिलेगी धर्मशाला की डायरेक्ट फ्लाइट्स