Dholera Special Investment Reason: यदि आप रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, तो धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन) में दुबई से भी उत्कृष्ट अवसर उपलब्ध हैं। यह दीर्घकाल से चर्चाओं का विषय रहा है, लेकिन विगत तीन महीनों में घटित हुए घटनाक्रमों ने एक अत्याधुनिक, सुनियोजित और सुस्थापित शहर के प्रादुर्भाव की पुष्टि की है, जो आने वाले समय में मेगासिटी संबंधी सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक आभा के लिए अपरिहार्य एक मील के पत्थर अथवा बेंचमार्क को परिभाषित करेगी। आज, हम उन पांच मुख्य कारणों पर एक दृष्टि डालेंगे कि आपको लाभ अर्जित करने के लिए धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में निवेश क्यों करना चाहिए।
1. जियो-गूगल स्मार्टफोन फैक्टरी और रिलायंस ग्रुप की चार गीगा फैक्ट्रियां
24 जून को रिलायंस की 44वीं वार्षिक आम सभा में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रिलायंस को और अधिक समृद्ध और उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के आगामी चरण की उद्घोषणा की थी। मुकेश अंबानी द्वारा साझा की गई योजनाओं में चार गीगा फैक्ट्रियों का निर्माण और गूगल की साझेदारी से निर्मित नए स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट के लोकार्पण (लॉन्चिंग) की घोषणा उस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में उभरीं।
नए स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट का निर्माण धोलेरा में किया जाएगा, और गूगल के शीर्ष अधिकारी हाल ही में सर्वेक्षण करने के प्रयोजन से साइटों पर आकर गए हैं। यदि हम इस विकास को चार-गीगा फैक्ट्रियों की लागत 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ जोड़कर देखें तो हम अगली पीढ़ी के औद्योगिकीकरण के प्रत्यक्षदर्शी बन सकते हैं।
2. भारत का इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्र
गुजरात सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी की योजना ने देश भर में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन निवेशकों को रोमांचित करने लिए यहाँ अभी और भी कुछ है। गुजरात सरकार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर 12% की आकर्षक विशेष सब्सिडी दे रही है। धोलेरा में समग्र बुनियादी ढांचे के विकास और बैटरी विनिर्माण योजनाओं में अग्रणी कंपनियों की अपेक्षानुसार इसी तरह के निवेश के अवसरों और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की ओर परिवर्तन के साथ इसके संगम से धोलेरा के निश्चित रूप से इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। टाटा समूह ने इसके लिए धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में 126 एकड़ भूमि पहले ही क्रय कर ली है।
3. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी
रियल एस्टेट निवेशक कनेक्टिविटी को एक महत्वपूर्ण कारक अथवा आवश्यकता मानते हैं। आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी हैं और दूसरे चरण के टेंडरों की घोषणा शीघ्र ही होने वाली है। इसके अतिरिक्त अहमदाबाद मेट्रो का दूसरा चरण (फेज) धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन को सीधे जोड़ेगा। इतना ही नहीं प्रत्युत, गुजरात सरकार ने अहमदाबाद और धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन के बीच 6 हजार करोड़ रुपये लागत की राज्य की पहली मोनोरेल परियोजना को भी हरी झंडी दे दी है।
4. हरित ऊर्जा (Green Energy) समाधान
विकास के अन्य महत्वपूर्ण उद्यमों में, धोलेरा एक ही स्थान पर 400 मेगावाट क्षमता के दुनिया के सबसे बड़े अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा पार्कों में से एक पार्क विकसित करने के लिए उद्यत है, जिसे सरकार ने हाल ही में स्वीकृति दी थी। धोलेरा विशेष औद्योगिक क्षेत्र (DSIR) में 2000 मेगावाट क्षमता की एक सौर सेल विनिर्माण इकाई स्थापित की जाएगी, जिसमें से 15 मेगावाट की इकाई पूर्ण होने के समीप है। इस प्रकार हम यह निश्चित रूप से कह सकते है कि यह 2050 तक 100% हरित ऊर्जा के सरकार के लक्ष्य का एक बड़ा भाग होगा।
5. विशेष शिक्षा क्षेत्र की उद्घोषणा
धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन परियोजना में हाल ही में जोड़े गए उद्यमों में से एक उद्यम गुजरात-विशेष शिक्षा क्षेत्र (G-SER) भी है। यह अपनी तरह का प्रथम प्रयास है जिसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल का इस्तेमाल एक वैश्विक शिक्षा केंद्र (हब) का निर्माण करने के लिए किया जाएगा। अभी तक, वल्लभ विद्यानगर को देश के उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षेत्रों में से एक माना जाता था, लेकिन गुजरात-विशेष शिक्षा क्षेत्र (G-SER) इस खेल को बराबर करने के लिए पूरी तरह तैयार है क्योंकि इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक ढांचे को विकसित करना है।
रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
जीएपी (GAP) एसोसिएट्स के निदेशक अंबरीश परजिया ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश करने का सही मायने में यह स्वर्णिम समय है। इसमें जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि “जब गूगल जैसे वैश्विक दिग्गजों ने धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में निवेश करना शुरू कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी परियोजनाएं पहले ही मूर्त रूप लेना शुरू कर चुकी हैं, तो भारतीय निवेशकों को निवेश के इस स्वर्णिम और विशाल सुअवसर का पूर्ण लाभ उठाना चाहिए।
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