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महाकुंभ के बीच प्रयागराज में धर्म संसद, अखाड़ों के प्रमुख लेंगे हिस्सा, सनातन बोर्ड पर होगा फैसला

अगले साल महाकुंभ मेला आयोजित होने जा रहा है, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने इसकी घोषणा की है.27 जनवरी को अखाड़ा परिषद द्वारा धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 13 अखाड़ों के संत भाग लेंगे.

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Pryagraj
  • December 5, 2024 11:04 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: यूपी के प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन होने वाला है. वहीं इस आयोजन के पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बड़ा ऐलान किया है. बता दें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद की तरफ से 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सनातन बोर्ड पर चर्चा की जाएगी.

इस धर्म संसद में 13 अखाड़ों के संत, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर समेत कई संत हिस्सा लेंगे. इस दौरान सनातन बोर्ड को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है. धर्म संसद में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि सनातन बोर्ड में क्या नियम होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए. आह्वान अखाड़े के अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरि जी महाराज ने कहा कि सनातन बोर्ड की नियमावली संत-महात्माओं को ही तय करनी चाहिए.

सनातन बोर्ड के गठन पर फैसला

उन्होंने आगे बताया कि सभी 13 अखाड़ों के संत सनातन बोर्ड में पदाधिकारी होंगे. धर्म संसद में चर्चा होगी कि इसके बायलॉज कैसे बनाए जाएंगे. सनातन बोर्ड के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी करेंगे. उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को मेला क्षेत्र में काली सड़क स्थित हमारे पंडाल में धार्मिक संसद का आयोजन होगा. इस धर्म संसद में देश-विदेश से संत और विद्वान शामिल होंगे. उनसे धर्म संसद पर जुड़ी सभी मुद्दे पर बातचीत की जाएगी. जिसके बाद ही सनातन बोर्ड के गठन पर निर्णय लिया जाएगा.

जल्दबाजी में फैसला ठीक नहीं

प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ मेला का आयोजन होगा और 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ मेले से पहले सनातन बोर्ड के सवाल पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि जब मैं सभी संतों से मिला तो सभी ने सनातन बोर्ड के बारे में जानकारी मांगी. संतों ने पूछा कि क्या सनातन बोर्ड सुरक्षित है? इसका स्वरूप क्या होगा? बोर्ड का बायलॉज क्या है? इसलिए हमने यह सोचा है जल्दबाजी करना ठीक नहीं है. धीरे-धीरे इस विषय पर चर्चा होगी और धीरे-धीरे इस पर विचार किया जाएगा.

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