पश्चिम बंगाल नई दिल्ली, देश में महंगाई की मार जारी है. पेट्रोल डीज़ल से लेकर खाद्य पदार्थ और सब्ज़ियों सभी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ ये कीमतें डरा देने वाली हैं तो दूसरी ओर नेताओं के बयान चौका देने वाले हैं. बताया सुझाव को एंटीडोट पश्चिम बंगाल […]
नई दिल्ली, देश में महंगाई की मार जारी है. पेट्रोल डीज़ल से लेकर खाद्य पदार्थ और सब्ज़ियों सभी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ ये कीमतें डरा देने वाली हैं तो दूसरी ओर नेताओं के बयान चौका देने वाले हैं.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बढ़ती महंगाई और बढ़ते तेल के दामों पर एक सुझाव सामने आया है. ये सुझाव सुनकर आप भी चौक जाएंगे. राज्यपाल धनखड़ का कहना है कि यदि तेल के दाम ज़्यादा है तो लोगों को इसका इस्तेमाल कम कर देना चाहिए. उन्होंने ऐसा करने के पीछे तर्क ये बताया कि इसका प्रभाव सीधा मांग पर पड़ेगा और चीज़ों की कीमतों को बढ़ने से रोका जाएगा.
इतना ही नहीं उनका मानना है की ये रणनीति महंगाई के खिलाफ किसी एंटीडोट से कम नहीं है. आपको बता दें, इस समय कोलकाता में भी महंगाई की मार जारी है. जहां पेट्रोल की क़ीमत 115.12 रुपये प्रति लीटर और हाई स्पीड डीजल की क़ीमत 99.83 रुपये प्रति लीटर तक हो चुकी है. इसी बीच राजयपाल का ये बयान सामने आया है.
दरअसल ऐसा उन्होंने सोमवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और दूसरी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा आयोजित किये गए एक कार्यक्रम के दौरान कहा था. उनके शब्दों में, सबसे अच्छा एंटीडोट है, हर बार कीमतें बढ़ने के साथ चीज़ों के इस्तेमाल को कम किया जाए. ऊर्जा का कम उपयोग धरती और देश की अर्थव्यवस्था को मदद करेगा. उन्होंने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा, क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों के आयात से देश के रिसोर्सेज पर गहरा असर होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पेट्रोलियम उत्पाद जो जीवाश्म ईंधन है, नवीकरणीय नहीं हैं, इसलिए उसके दोबारा बनने में लाखों साल लगते हैं.”
आपको बता दें, देश में कई कारणों से महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर दिख रही है. तेल और पेट्रोलियम की कीमतों में हर दिन उछाल देखा जा सकता है. आम जनता के पास खाद्य पदार्थों को लेकर त्राहि त्राहि का दृश्य भी देखने को मिल रहा है. दूसरी तरफ इसका कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य और उत्पाद की गिरावट को माना जा रहा है. विश्व इस समय रूस और यूक्रेन के युद्ध से गुज़र रहा है इसको भी महंगाई का एक बड़ा कारक माना जा रहा है.