जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने कठुआ रेप पीड़िता का नाम लेकर तोड़ा कानून, कोर्ट की अवमानना भी

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने राज्य में एक 9 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप को कठुआ गैंगरेप से भी घृणित बताया है. इस 9 साल की बच्ची के साथ उसी के सौतेले भाई और दोस्तों ने मां के उकसाने पर गैंगरेप किया. लेकिन जल्दबाजी में डीजीपी वैद्य अपने ट्वीट में कठुआ गैंगरेप पीड़िता का नाम लिख गए.

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जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने कठुआ रेप पीड़िता का नाम लेकर तोड़ा कानून, कोर्ट की अवमानना भी

Aanchal Pandey

  • September 5, 2018 11:06 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में 9 साल की बच्ची से गैंगरेप मामले पर राज्य के डीजीपी ने भी हैरानी जताई है. डायरेक्टर जनरल अॉफ पुलिस शेष पॉल वैद्य ने ट्वीट कर कहा कि 9 साल की बच्ची के साथ उसी के सौतेले भाई ने मां के उकसाने पर दोस्तों के साथ गैंगरेप किया. यह मामला तो कठुआ गैंगरेप से भी बदतर है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे सुलझा लिया है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन इस ट्वीट में वैद्य एक गलती कर बैठे. उन्होंने कठुआ गैंगरेप पीड़िता का नाम भी ट्वीट में लिख दिया. यह कानून का सरासर उल्लंघन है और कोर्ट की अवमानना भी.डीजीपी वैद्य ने ट्वीट करते वक्त हाई कोर्ट के उस आदेश को भी दरकिनार कर दिया, जिसमें मीडिया संस्थानों को कठुआ गैंगरेप पीड़िता का नाम लेने से मना किया गया था.

दरअसल डीजीपी वैद्य ने कश्मीर के उड़ी सेक्टर में हुए 9 साल की बच्ची से गैंगरेप पर ट्वीट किया था. इसके बाद उस बच्ची की आंखें निकाल ली गईं और एसिड से उसे जला दिया गया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.  वहीं कठुआ गैंगरेप मामले में आरोप है कि आठ वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उसे एक धार्मिक स्थान पर कैद करके रखा गया था. इस दौरान उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया और बाद में बेहद क्रूरता से उसकी हत्या कर दी गई थी. तत्कालीन सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन के दो वरिष्ठ मंत्रियों को आरोपियों के पक्ष में एक रैली में उनकी भागीदारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा था.

पंजाब की एक अदालत ने इस मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. जिला एवं सत्र न्यायालय आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ आरोप तय कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर से यहां स्थानांतरित हुई मामले की सुनवाई 31 मई से शुरू हुई थी. इन सात आरोपियों को 31 मई को पठानकोट में स्थानांतरित कर दिया गया था. यह आरोपी हैं, मामले का कथित मास्टरमाइंड सांजी राम, उसका बेटा विशाल जंगोत्रा, रसाना गांव का विशाल का मित्र, एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर, एक हवलदार और दो विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ).

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