नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट सामने आने के बाद से घमासान मचा हुआ है। विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी TTD ने कहा है कि अब प्रसादम पूरी तरह से शुद्ध है। वहीं 4 अन्य लैबों में भी […]
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट सामने आने के बाद से घमासान मचा हुआ है। विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी TTD ने कहा है कि अब प्रसादम पूरी तरह से शुद्ध है। वहीं 4 अन्य लैबों में भी टेस्ट करवाया गया है, जिसमें चर्बी होने की पुष्टि हुई है।
मंदिर प्रबंधन के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने स्वीकार किया है कि घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल किया गया है। शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि 4 लैब में सैंपल भेजे गए थे। सभी रिपोर्ट्स में जानवरों की चर्बी मिली है। राव ने कहा कि मंदिर प्रबंधन के पास अपना लैब नहीं था, जिसका घी सप्लायर्स एआर डेयरी फूड्स ने फायदा उठाया।
मालूम हो कि तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से एक है। यहां पर रोजाना 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का दर्शन करते हैं। मंदिर में प्रतिदिन साढ़े 3 लाख लड्डू बनते हैं। इसका पुराना किचन 300 साल पुराना है, वहीं पर 200 ब्राह्मण मिलकर मुख्य प्रसाद बनाते हैं। रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक लाख़ लड्डू अयोध्या भेजे गए थे।
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