Karnataka assembly election 2018: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में कुछ ही वक्त रह गया है. उत्तर कन्नड़ जिले के उपायुक्त एस.एस. नकुल अरब सागर में डाइविंग करते हुए खुद 'मिलेनियल वोटरों' को वोटर आईडी कार्ड देने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ जिला पंचायत के सीईओ एल. चंद्रशेखरन नायक और स्कूबा डाइविंग इंस्ट्रक्टर भी मौजूद रहे. नकुल ने बताया कि उनके जिले में 13 'मिलेनियल वोटर' (जिनका जन्म 1 जनवरी, 2000 को हुआ) हैं. यह सभी पहली बार वोट दे सकें इसलिए वह अरब सागर में डाइविंग करते हुए उनके पास पहुंचे और उन्हें वोटर कार्ड वितरित किए.
करवरः कर्नाटक में अप्रैल माह तक विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. चुनाव को लेकर प्रशासनिक तौर पर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. जिला प्रशासन नए वोटर आईडी कार्ड पर भी खासा फोकस कर रहा है. इस बीच सूबे के करवर में डिप्टी कमिश्नर एस.एस. नकुल (जिले के रिटर्निंग ऑफिसर) ने ‘मिलेनियल वोटरों’ (जो सदी की शुरूआत के पहले दिन पैदा होते हैं, जैसेः 1 जनवरी, 2000) को उनके वोटर आईडी कार्ड देने के लिए अपनी टीम के साथ अरब सागर में गोता लगाया.
आप सोच रहे होंगे कि वोटर आईडी कार्ड का अरब सागर में गोता लगाने से क्या मतलब है तो आपको बता दें कि उत्तर कन्नड़ जिले में कई इलाके ऐसी जगहों पर हैं जहां पानी के रास्ते होकर जाना पड़ता है. जिले में 13 ऐसे वोटर हैं जो 1 जनवरी, 2000 को पैदा हुए थे यानी यह 13 युवा पहली बार अपना वोट डालेंगे. कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर एस.एस. नकुल ने जिला पंचायत के सीईओ एल. चंद्रशेखरन नायक और स्कूबा डाइविंग इंस्ट्रक्टर रंजीत पुंजा की मौजूदगी में अरब सागर में गोता लगाया और वोटर आईडी कार्ड का वितरण किया.
जिले के उपायुक्त और रिटर्निंग ऑफिसर नकुल ने अरब सागर के अंदर दीक्षा और पृथ्वी को उनके वोटर आईडी कार्ड सौंपे. नकुल का कहना है कि वह नहीं चाहते कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोई भी वोटर वोट देने से वंचित रह जाए, इसलिए वह पूरे जिले में खुद घूम-घूमकर लोगों को वोटर आईडी कार्ड बनवाने के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं. अरब सागर में डाइविंग करते हुए ‘मिलेनियल वोटरों’ को उनके वोटर कार्ड देने पर उन्होंने कहा कि उनके जिले में 13 लोग 1 जनवरी, 2000 को पैदा हुए हैं. सभी 13 लोगों का वोटर आईडी कार्ड तैयार कराया गया और वह खुद उन्हें पहली बार वोट देने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अरब सागर में डाइविंग कर उनके पास पहुंचे और उन्हें वोटर कार्ड वितरित किए. ऐसा करने के पीछे युवाओं को वोटिंग के लिए प्रेरित करना ही उनका मकसद है.