बिहार में सरकारी बाबुओं (क्लर्क) की लापरवाही के चलते उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और उनके स्टाफ के कुछ लोगों का वेतन अटक गया. जिसके बाद डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नाराजगी जताते हुए दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दे दिए. मिली जानकारी के अनुसार, सुशील मोदी और उनके स्टाफ को फरवरी माह की सैलरी मार्च का आधा महीना बीत जाने के बाद भी नहीं मिली है.
पटना: ऐसा कहा जाता है कि देश में अधिकतर सरकारी काम बाबुओं (क्लर्क आदि) की लापरवाही या फिर लेटलतीफी की वजह से रुकते हैं या फिर तय वक्त पर हो नहीं पाते हैं. बिहार में भी ऐसा होता है लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि सरकारी बाबुओं की लापरवाही की वजह से डिप्टी सीएम का ही वेतन अटक जाए, यकीन नहीं हो रहा लेकिन यह सच है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का वेतन सचिवालय के बाबुओं की लापरवाही के चलते अटक गया है. सुशील मोदी ने मंत्रिमंडल सचिवालय को इस संबंध में चिट्ठी लिख नाराजगी जाहिर की है. डिप्टी सीएम ने संबंधित दोषी पदाधिकारी और कर्मचारी पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और उनके कैबिनेट के कुछ सदस्यों को फरवरी माह का वेतन मार्च का आधा महीना बीत जाने के बाद भी नहीं मिला. सुशील मोदी के एक करीबी ने बताया कि कागजी कार्यवाही में देरी के चलते उनका वेतन अटका है. यह दस्तावेज मार्च के पहले हफ्ते में जमा हो जाने चाहिए थे लेकिन सरकारी बाबुओं की लापरवाही की वजह से यह जमा नहीं हो पाए. इसका पता चलते ही डिप्टी सीएम ने मंत्रिमंडल सचिवालय को पत्र लिखकर नाराजगी जताई.
सुशील मोदी ने कहा कि उनके वेतन आदि का मामला उनका स्टाफ देखता है. तीन-चार दिन पहले स्टाफ ने उन्हें बताया कि उनका और कार्यालय के कुछ लोगों का वेतन अभी तक नहीं आया है. क्या तकनीकी मामला है, जिसके कारण ऐसा हुआ है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. पत्र में डिप्टी सीएम ने वेतन में देरी पर नाराजगी जताते हुए संबंधित दोषी पदाधिकारी और कर्मचारी पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने इस बारे में कहा कि उन्हें अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है लेकिन वेतन भुगतान में किसी की लापरवाही से विलंब हुआ है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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